Lok Sabha Election 2019: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 28 सीट पर कब्जा कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. वहीं राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा पर ही सिकुड़ गई. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को साध्वी प्रज्ञा के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी सीट हार गए.
यह प्रदेश में बीजेपी का अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है. इससे पहले बीजेपी ने मोदी की लहर के चलते साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर कब्जा किया था. तब कांग्रेस को दो सीटें छिन्दवाड़ा और गुना मिली थी. लेकिन इस बार बीजेपी ने गुना सीट को कांग्रेस से छीन ली है.
गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं चार बार लगातार सांसद रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे बीजेपी के कृष्ण पाल यादव ने 1,25,549 मतों के अंतर से हरा कर उनसे यह सीट छीन ली है.
करीब चार दशक पहले देश में लगे आपातकाल के बाद वर्ष 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में अविभाजित मध्य प्रदेश (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) में तत्कालीन भारतीय जनसंघ को कुल 40 सीटों में से 39 सीटें मिली थी, जबकि तब भी कांग्रेस केवल एक सीट छिन्दवाड़ा को ही अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थी.
बीजेपी के केवल दो प्रत्याशी ही 90,000 एवं एक लाख के मतों के अंतर से जीते. बाकी सभी बीजेपी प्रत्याशी एक लाख से पांच लाख के बड़े अंतर से विजयी रहे. अधिकांश सीटों पर बीजेपी की जीत का अंतर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले काफी बढा है.
वहीं, छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ (कांग्रेस) ने बीजेपी के नथन शाह को मात्र 37,536 मतों के अंतर से हराया. यह मध्य प्रदेश में इस बार हार का सबसे कम अंतर है.