(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चुनाव जीते, पार्टी जीती पर क्यों खुद जीतकर भी हार गए शिवराज और वसुंधरा, जानिए अब क्या होगी आगे की राह
शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के चार बार सीएम रहे, लेकिन पार्टी ने उन्हें इस बार किनारे कर दिया, जबकि राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे को भी पार्टी आलाकमान ने पूरी तरह खारिज कर दिया.
MP-Rajasthan New CM: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सीएम को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुकता थी. वजह थी, यहां शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह और वसुंधरा राजे जैसे दिग्गज नेताओं और पूर्व सीएम के भविष्य का फैसला. बीजेपी आलाकमान ने इन तीनों को किनारे कर नए नाम का ऐलान कर हर किसी को चौंका दिया है.
हालांकि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह को पार्टी ने विधानसभा स्पीकर बनाकर कुछ रोल दिया और उनके पास कहने को संवैधानिक पोस्ट है, लेकिन वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान सबसे ज्यादा घाटे में रहे. वो अब दूसरे विधायकों की तरह ही हैं. अभी तक शिवराज ये कह रहे थे कि वह 2024 की तैयारी में जुट गए हैं, लेकिन उनके दिल्ली जाकर कुछ मांगने से अच्छा मरना बेहतर... वाले बयान से कुछ औऱ ही तस्वीर सामने आ रही है. आइए जानते हैं अब कैसी हो सकती है इन दोनों के आगे की राह.
क्या कहा था शिवराज सिंह चौहान ने
मंगलवार (12 दिसंबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब रिपोर्टर ने शिवराज से पूछा कि सब दिल्ली गए, लेकिन आप क्यों नहीं गए. इस पर शिवराज ने कहा, “एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा. इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा.”
अब क्या होगी शिवराज की आगे की राह
बीजेपी को लेकर माना जाता है कि वह ये देखती है कि किसने संगठन के लिए कितना काम किया और संगठन को कैसे मजबूत किया. इसके बाद उस नेता को उसका इनाम भी मिलता है. इस चुनाव में शिवराज ने भी खूब मेहनत की, जबरदस्त कैंपेन किया और पार्टी को बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन उन्हें इसके मुताबिक इनाम नहीं मिला. अब सावल ये है कि पांच बार के सांसद, छह बार के विधायक व चार बार सीएम रहे शिवराज की आगे की राह क्या होगी. इसका जवाब शायद केंद्र की राजनीति ही है. पार्टी ने उन्हें प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है. ऐसे में संभावना है कि बीजेपी आलाकमान उनकी पॉपुलैरिटी का फायदा उठाते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारे. वह पहले भई केंद्र में रह चुके हैं.
वसुंधरा राजे के सामने है क्या विकल्प
वसुंधरा राजे को भी पार्टी ने राजस्थान में पूरी तरह से किनारे कर दिया है. उन्हें सरकार में कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. वह अब आम विधायक जैसी हैं. ऐसे में कई राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि हो सकता है बीजेपी उन्हें केंद्र में कोई मौका दे. उनकी राजस्थान में अब भी हर जाति में पकड़ है. वसुंधरा पांच बार सांसद रह चुकी हैं. हो सकता है कि पार्टी उन्हें फिर से सांसद का चुनाव लड़ाए और उनके नाम के सहारे राजस्थान में खुद को और मजबूत करने की कोशिश करे. क्योंकि राजस्थान में कई सांसदों को बीजेपी ने चुनाव लड़ाया और वह अब विधायक हैं, ऐसे में केंद्र की राजनीति में इनका जाना तय माना जा रहा है.
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