नई दिल्लीः वाराणसी में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे पूर्व बीएसएफ जवान और महागठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है. हलफनामे में गलत जानकारी देने पर उनका पर्चा खारिज हो गया है. तेज बहादुर यादव वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए गए थे. नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा है कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.


क्यों खारिज किया गया तेज बहादुर का नामांकन
तेज बहादुर यादव ने 24 अप्रैल को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर और 30 अप्रैल को सपा के उम्मीदवार के तौर पर दो बार अपना नामांकन भरा था. इन दो नामांकन के समय अलग-अलग हलफनामों में उन्होंने दो अलग-अलग जानकारी दी थी. 24 अप्रैल को दिए हलफनामे में उन्होंने उस सवाल के जवाब में हां लिखा था कि जिसमें पूछा गया था कि उन्हें सरकारी सेवा से भ्रष्टाचार या देशद्रोह के आरोप में कभी बर्खास्त किया गया है. इसके बाद 30 अप्रैल को दिए हलफनामे में उन्होंने लिखा कि गलती से पहले वाले हलफनामे में उन्होंने इस सवाल के जवाब में हां लिख दिया था.

30 अप्रैल को जिला निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर यादव को नोटिस जारी किया था जिसमें उन्हें कहा गया था कि वो बीएसएफ से चिट्ठी लेकर आएं जिसमें लिखा हो कि उन्हें क्यों बर्खास्त किया गया था. वहीं चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत ये नियम है कि अगर किसी  व्यक्ति को केंद्र या राज्य सरकार की सेवा से भ्रष्टाचार या अन्य कारणों से बर्खास्त किया गया हो तो वो 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.

कल ही जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर यादव से चुनाव आयोग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाकर जमा करने का निर्देश दिया था. इस प्रमाणपत्र को जमा करने के लिए तेज बहादुर यादव को एक दिन का समय दिया गया था. यह प्रमाणपत्र उन्हें आज सुबह 11 बजे तक जमा करना था. प्रमाणपत्र जमा ना करने की स्थिति में उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है.





जिला चुनाव अधिकारी ने उनकी ओर से दाखिल दो नामांकन पत्रों में विसंगतियों का जिक्र करते हुए उन्हें नोटिस भेजा था. इस पर यादव ने कहा था ‘मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया था और सपा के उम्मीदवार के तौर पर 29 अप्रैल को नामांकन किया था. अगर नामांकनों में कोई दिक्कत थी तो मुझे पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई. कम समय बचा होने के बावजूद मेरी कानूनी टीम चुनाव अधिकारी को पूरी जानकारी दे रही है.


इसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि पीएम मोदी जवान से डर गए. इतिहास में ऐसे कम मौक़े होंगे जब उस देश का जवान अपने पीएम को चुनौती देने को मजबूर हो, पर इतिहास में ये पहला मौक़ा है कि एक पीएम एक जवान से इस कदर डर जाए कि उसका मुक़ाबला करने की बजाए तकनीकी ग़लतियाँ निकाल कर नामांकन रद्द करा दे. मोदी जी, आप तो बहुत कमज़ोर निकले। देश का जवान जीत गया.





यादव ने कहा, ‘मुझे चुनाव लड़ने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि देश का नकली चौकीदार असली चौकीदार से भयभीत है.’ इससे यह बात साफ दिख रही है कि प्रधानमंत्री मोदी जी का निर्वाचन कार्यालय पर दबाव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं चाहते कि मैं यहां से उनके खिलाफ चुनाव लड़ूं.


बीएसएफ जवान तेज बहादुर उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने भारतीय सेना में खराब खाने की शिकायत को लेकर एक वीडियो शेयर किया था और उसमें खाने की खराब क्वालिटी को लेकर रोष जाहिर किया था.


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