(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कांग्रेस बोली- एनसीपी जैसी सहयोगी हो तो दुश्मन की जरूरत नहीं, NCP का तंज- प्रचार में सोनिया-प्रियंका कहां थीं
एग्जिट पोल में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी के बाद कांग्रेस और एनसीपी ने एक दूसरे को दोष देना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही विपक्षी खेमे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की जीत की भविष्यवाणी के बाद कांग्रेस और एनसीपी ने एक दूसरे को दोष देना शुरू कर दिया है.
एनसीपी नेता और राज्यसभा सांसद मजीद मेमन ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ''(कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार से दूर रहीं. राहुल गांधी आए लेकिन कांग्रेस के अपने नेता (राज्य में) उनकी जनसभाओं के दौरान उनके साथ नहीं दिखे. केवल (एनसीपी अध्यक्ष) शरद पवार ने चुनाव प्रचार के दौरान कड़ी मेहनत की.'' मेमन ने कहा, ''कांग्रेस के साथ गठबंधन एनसीपी के लिए एक मजबूरी थी क्योंकि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की स्थिति में नहीं थी.''
मेमन की टिप्पणी कांग्रेस के राज्य महासचिव राजन भोंसले के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि "आपको वास्तव में दुश्मन की जरूरत नहीं है जब आपके पास एनसीपी जैसे सहयोगी हों.'' एनसीपी पर कटाक्ष करते हुए भोंसले ने पूछा था कि ''शरद पवार को छोड़कर, आपने राज्य भर में एनसीपी के किसी अन्य नेता को नहीं देखा. स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने के बावजूद, एक 80 साल के व्यक्ति को सार्वजनिक बैठकें करने के लिए राज्य भर में यात्रा करनी पड़ी.''
हालांकि दोनों नेताओं की टिप्पणी के बाद कांग्रेस-एनसीपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की और उनके बयानों को खारिज किया. लेकिन यह साफ समझ आ रहा है कि अगर चुनाव परिणाम भी एग्जिट पोल के मुताबिक हुए तो ऐसे बयान थमने नहीं वाले हैं. महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को मतदान हुआ था. 24 अक्टूबर को इसके नतीजे आएंगे.
यह भी पढ़ें-
Exit Poll: एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी को झटका, हरियाणा में किसी को बहुमत नहीं