महाराष्ट्र: एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा- बीजेपी के 59 फीसदी उम्मीदवार दागी, कांग्रेस भी पीछे नहीं
2014 में हुए चुनाव की तुलना में इस बार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की तादाद कम है. आर्थिक रूप से उन्नत इस राज्य में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: देश के चुनावों का अध्ययन करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में मौजूद उम्मीदवारों के बारे में एक आंकड़ा जारी किया है. आंकड़ा इन उम्मीदवारों द्वारा उम्मीदवारी के लिए दायर हलफ़नामे के आधार पर तैयार किया गया है. इन आंकड़ों में कुछ चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है. महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे.
बीजेपी और कांग्रेस के आधे से ज्यादा उम्मीदवारों पर दर्ज़ है केस
संस्था ने चुनाव मैदान में मौजूद 3237 उम्मीदवारों में से 3112 उम्मीदवारों की तरफ़ से दायर हलफ़नामे का अध्ययन किया है. आंकड़ों के मुताबिक़ राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के कुल 162 उम्मीदवारों में से 96 उम्मीदवार (59 फ़ीसदी) ऐसे हैं जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामलों में केस दर्ज़ हैं. इनमें से 59 उम्मीदवार (36 फ़ीसदी) तो ऐसे हैं जिनके ख़िलाफ़ हत्या, हत्या के प्रयास या ऐसे ही अन्य गंभीर आपराधिक मामलों में केस दर्ज़ हैं. बीजेपी की मुख्य विरोधी कांग्रेस पार्टी भी इस मामले में ज़्यादा पीछे नहीं है. पार्टी के कुल 83 उम्मीदवार (57 फ़ीसदी) आपराधिक मामलों में केस का सामना कर रहे हैं. इनमें से 44 उम्मीदवारों (30 फ़ीसदी) पर गंभीर आपराधिक मामलों में केस दर्ज़ हैं. वहीं बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के 48 फ़ीसदी जबकि कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के 35 फ़ीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर मामलों में आपराधिक मामले दर्ज़ हैं.
कुल 19 फ़ीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले
राज्य के चुनावी अखाड़े में मौजूद कुल 916 उम्मीदवार (29 फ़ीसदी) ऐसे हैं जिनके ख़िलाफ़ सामान्य अपराधों में केस चल रहा है. इनमें 600 उम्मीदवारों (19 फ़ीसदी) के ख़िलाफ गंभीर मामलों में मुकदमा दर्ज़ है. 19 उम्मीदवारों के ख़िलाफ तो आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का केस चल रहा है तो 60 उम्मीदवारों के ख़िलाफ हत्या के प्रयास के मामले में केस दर्ज़ है. 67 उम्मीदवारों पर महिलाओं के ख़िलाफ अपराध के मामले हैं जिनमें 4 पर बलात्कार का मामला भी दर्ज़ है. कुल मिलाकर 288 में से 176 विधानसभा सीटें हैं जिन्हें रेड अलर्ट सीट घोषित किया गया है. ये वैसी सीटें होती हैं जिनमें कम से कम 3 उम्मीदवारों के ख़िलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज़ होता है. वैसे 2014 में हुए चुनाव की तुलना में इस बार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की तादाद कम है. 2014 में जहां ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 34 फ़ीसदी थी वहीं 2019 में ऐसे उम्मीदवार घटकर 29 फ़ीसदी रह गए हैं.
1007 करोड़पति हैं मैदान में
आर्थिक रूप से उन्नत इस राज्य में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है. इस बार कुल 47 फ़ीसदी यानि 1007 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति कम से कम 1 करोड़ घोषित की है. 2014 के चुनाव में ये संख्या 32 फ़ीसदी ही थी. चुनावी मैदान में ताल ठोक रहीं बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी जैसी प्रमुख पार्टियों के ज़्यादातर उम्मीदवार करोड़पति हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी के तो 155 यानि 96 फ़ीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि कांग्रेस के 126 यानि 86 फ़ीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. इसी तरह शिवसेना के 94 और एनसीपी के 87 फ़ीसदी उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 1 करोड़ से ज़्यादा घोषित की है.
बीजेपी के पराग शाह हैं सबसे अमीर उम्मीदवार
मैदान में ताल ठोक रहे तीन सबसे अमीर उम्मीदवारों में 2 सत्तारूढ़ बीजेपी के हैं. मुंबई उपनगर ज़िले की घाटकोपर सीट से अपनी क़िस्मत आजमा रहे बीजेपी के पराग शाह राज्य के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. शाह ने अपने हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 500 करोड़ रूपए से ज़्यादा घोषित की है. इसमें 400 करोड़ से ज़्यादा चल जबकि करीब 79 करोड़ की अचल संपत्ति घोषित की है. वहीं मुंबई शहर के पॉश मालाबार हिल विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में मौजूद बीजेपी के ही मंगलप्रभात लोढ़ा राज्य के दूसरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. लोढ़ा ने अपनी कुल चल और अचल संपत्ति 441 करोड़ रूपए की घोषित की है. वहीं पुणे की पुरंदर सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के संजय जगताप 245 करोड़ रूपए की घोषित संपत्ति के साथ तीसरे सबसे अमीर उम्मीादवार हैं.
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