नई दिल्ली: महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में सहयोगी शिवसेना गोरेगांव की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने को लेकर लगातार विरोध कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में मेट्रो रेल का डिपो बनाने के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक भी लगा दी, लेकिन कोर्ट का आदेश आने से पहले ही लगभग सभी पेड़ काटे जा चुके थे. शिवसेना ने इस डिपो का विरोध करके इसे राजनीतिक रंग भी देने की कोशिश की. इसे लेकर अब राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि आरे में मेट्रो शेड बनाने का फैसला सोच समझकर किया गया था.


फडणवीस ने आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने के सवाल पर कहा, ''आरे में मेट्रो शेड बनाने का फैसला सोच समझकर किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि आरे कॉलोनी वन क्षेत्र नहीं है. वहां पेड़ काटने का दुख मुझे भी है. 2015 में जब पेड़ काटने का फैसला हुआ तब से अबतक हमने 30 हजार पेड़ लगाए हैं. हमने पेड़ काटने से पहले भी 23 हजार पेड़ लगाए थे. मैं आरे पर सबकी चिंता का सम्मान करता हूं.'' उन्होंने कहा, ''शिवसेना आरे में पेड़ काटने का विरोध कर रही है, ये सवाल आपको शिवसेना से पूछना चाहिए. मैं शिवसेना को नहीं समझा पाया.'' फडणवीस ने कहा, ''मेट्रो का एक दिन का काम रुकता है तो पांच करोड़ रुपए का नुकसान होता है.''


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के आरे में पेड़ें की कटाई को रोकने का जब तक फैसला सुनाया, तब तक 2600 में से करीब 2000 तक पेड़ कट चुके थे. आरे जंगल का हिस्सा पूरी तरह से मैदान बन चुका था. मुम्बई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कोच शेड के लिए हुई पेड़ों की कटाई का विरोध करने के बावजूद शिवसेना के घोषणा पत्र में इस मुद्दे का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि, पार्टी ने घोषणापत्र में यह कहा है कि मुम्बई और ठाणे जैसे शहरी क्षेत्रों में कुछ खाली जगह हैं जिनका उपयोग वनों के विकास के लिए किया जाएगा.


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