नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार नालासोपारा विधानसभा सीट जोरदार चर्चा का मुद्दा बनी हुई है. यहां बहुजन विकास आघाडी के उम्मीदवार क्षितिज ठाकुर और शिवसेना के प्रदीप शर्मा (एनकाउंटर स्पेशलिस्ट) के बीच टक्कर है. नालासोपारा में दोनों पार्टियों का चुनावी कैंपेन जोर पकड़ रहा है. जहां प्रदीप शर्मा सुबह 7 बजे उठ जाते हैं और मॉर्निंग वॉक में लोगों से मिलते हैं और फिर 10 बजे से कैंपेन की प्लानिंग में लग जाते हैं. वहीं क्षितिज ठाकुर और उनकी टीम बूथ स्तर पर लोगों से बात करने का काम कर रही है.
नालासोपारा समस्याओं के अंबार से पटा हुआ है. कुछ घंटे की बारिश में ही पूरा शहर डूब जाता है. रेलवे स्टेशन से लेकर सड़कों तक हर तरफ पानी ही पानी दिखने लगता है. इस बार मानसून की बारिश में हालत बेहद खराब थी. जलभराव के साथ पीने के पानी की भी समस्या है. लोगों को पीने के पानी की काफी किल्लत रहती हैं. बेतरतीब तरीके से स्लम बढ़ता चला जा रहा है. इस अव्यवस्था के बीच में नालासोपारा की नई पीढ़ी अपने गुस्से और आक्रोश को जाहिर करने के लिए रैप सॉन्ग का सहारा ले रही है.
''नालासोपारा गरीबों का सहारा
5000 डिपाजिट 2000 भाड़ा
कभी पानी आ रहा कभी पानी जा रहा
आरा जारा जारा आरा काहे को साता रहा
नेक्स्ट स्टेशन नालासोपारा अगला स्टेशन नालासोपारा..''
नालासोपारा में हिप हॉप भी तेजी से प्रचलित हो रहा है. युवा हिप हॉप के साथ नालासोपारा की समस्याओं पर बात कर रहे हैं. इन समस्याओं को अपना चुनावी मुद्दा बनाते हुए प्रदीप शर्मा नालासोपारा के अलग-अलग हिस्सों में जाने की तैयारी कर रहे हैं. प्रदीप शर्मा ने ऐलान कर दिया है कि नालासोपारा से ठाकुर परिवार की गुंडई और दादागीरी का अंत कर देंगे. अपनी पुलिसिया छवि के भरोसे कह रहे हैं कि जहां वह जाते हैं गुंडे भाग खड़े होते हैं. ठाकुर परिवार को साउथ की फिल्मों के विलेन की तरह बताते हुए प्रदीप शर्मा उनसे भिड़ने की बात कर रहे हैं.
बहुजन विकास आघाडी के नालासोपारा से उम्मीदवार क्षितिज ठाकुर सीधे तौर पर प्रदीप शर्मा पर हमला करते हुए कह रहे हैं कि उनके प्रचार में गुंडे और आतंकवादी लगे हुए हैं. ठाकुर का कहना है कि प्रदीप शर्मा बाहरी उम्मीदवार हैं जो अपनी पार्टी से अंधेरी सीट से टिकट मांग रहे थे. वहां नहीं मिला तो मजबूरन नालासोपारा लड़ने आए हैं और खुद भी लोगों से कहते फिर रहे हैं कहां फंसा दिया. ठाकुर अपने किए काम का रिकॉर्ड लोगों के सामने ले के जा रहे हैं और जो तमाम दिक्कतें हैं उसके लिए राज्य की शिवसेना-बीजेपी सरकार और केंद्र सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं. क्षितिज ठाकुर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और उनका कहना है कि शिवसेना ने बाहरी उम्मीदवार लाकर उनकी जीत को और आसान कर दिया है.
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