केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ही थी जिसने अपने स्वार्थ के लिए संविधान को तोड़ा-मरोड़ा और अब वह इसका दोष भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर मढ़ रही है. नितिन गडकरी ने काटोल में बीजेपी प्रत्याशी चरणसिंह ठाकुर के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए सोमवार (10 नवंबर, 2024) को कहा कि भाजपा न तो डॉ. बी आर आंबेडकर का संविधान बदलेगी और न ही किसी को ऐसा करने देगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी. नितिन गडकरी ने कहा, 'हम न तो बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान बदलेंगे और न ही हमें किसी को ऐसा करने देंगे. संविधान की मूल संरचना को बदला नहीं जा सकता है.'
उन्होंने अपनी बात के समर्थन में ऐतिहासिक केशवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया. नितिन गडकरी ने कहा, 'संविधान की मुख्य विशेषताएं जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता के साथ-साथ मौलिक अधिकारों को कोई भी नहीं बदल सकता है. आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने संविधान को तोड़-मरोड़ा. देश के इतिहास में कांग्रेस ही थी जिसने संविधान को तोड़ने-मरोड़ने का पाप किया और अब वे हम पर दोष मढ़ रहे हैं.'
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि महाराज ने लोगों को भगवान राम के राम राज्य के समान शिवशाही दी, जिसके बारे में महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि देश में इसे स्थापित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर आप राम राज्य स्थापित करना चाहते हैं तो यह नेताओं के हाथ में नहीं बल्कि जनता के हाथ में है. जाति, नस्ल, धर्म और भाषा के आधार पर मतदान न करें. कोई व्यक्ति अपनी जाति से नहीं बल्कि अपने गुणों से बड़ा होता है. छूआछूत और जातिवाद खत्म होना चाहिए.'
नितिन गडकरी ने कहा कि जो नेता अपनी योग्यता के आधार पर नहीं जीत सकते, वे चुनावी लाभ के लिए जाति का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा, 'आप भोजन और स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति के पास उसकी जाति देखे बगैर जाते हैं. जब तक आप ईमानदार, गैर-भ्रष्ट नेताओं और दल को नहीं चुनते, तब तक आपका भविष्य नहीं बदलेगा.'
उन्होंने कहा कि महायुति सरकार लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आई है. नितिन गडकरी ने पूछा कि क्या इनमें से कोई भी ऐसी योजना है जिसमें मुस्लिम और दलित आवेदन नहीं कर सकते?