Maharashtra Assembly Election 2024 Latest News: महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से हलचल शुरू हो गई है. सत्तारूढ़ शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) इस चुनाव में महाराष्ट्र की 288 सीटों विधानसभा सीटों में से 126 पर चुनाव लड़ना चाहती है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी 100 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी, जो उसके महायुति सहयोगियों - भाजपा और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के बीच विवाद का कारण बन सकता है. गुरुवार (18 जुलाई 2024) को शिंदे के नेतृत्व में मुंबई में उनके 'वर्षा' आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक का एजेंडा इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति और उम्मीदवारों पर चर्चा करना था. इस बात पर भी चर्चा हुई कि शिवसेना को कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.


विधानसभा चुनाव में 90 प्रतिशत नतीजों का दावा


इस बैठक के दौरान शिवसेना ने 126 विधानसभा सीटों के लिए 126 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की और पार्टी ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रभारी भी नियुक्त किए. पार्टी नेता हेमंत गोडसे ने कहा, "हमने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा की. हमें प्रचार के दौरान लोगों को अपनी योजनाओं के बारे में बताना होगा. लोकसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन 45 प्रतिशत था. इस बार यह 90 प्रतिशत रहेगा. 126 सीटों के लिए पर्यवेक्षक और प्रभारी नियुक्त किए गए हैं."


पार्टी के नेताओं से प्रचार करने को कहा


वहीं शिवसेना सूत्रों के अनुसार, शिंदे ने आगामी चुनावों में पार्टी के लिए 'मिशन 100' पेश किया. उन्होंने कहा कि पार्टी 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है, इससे कम नहीं. सूत्रों ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने और महायुति गठबंधन के तहत सार्वजनिक रूप से प्रचार करने के लिए कहा गया है. उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा विधायकों को मानसिक रूप से इस बात के लिए तैयार रहने को कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र से भी मैदान में उतारा जा सकता है. इसके अलावा प्रचार के दौरान लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताने के लिए कहा गया है.


2019 में अविभाजित शिवसेना ने बीजेपी संग लड़ा था चुनाव 


2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अविभाजित शिवसेना ने एनडीए गठबंधन के तहत 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि 163 सीटें भाजपा और अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ी थीं. भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना को 56 सीटें मिलीं और उसने सरकार बनाई. हालांकि, 2019 में, शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने तीन दशक पुराने गठबंधन को तोड़ दिया और रोटेशनल मुख्यमंत्री फॉर्मूले के कारण मतभेदों के कारण एनडीए छोड़ दिया.


इसके बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) बनाया और उद्धव ठाकरे सीएम बन गए. जून 2022 में शिंदे ने पार्टी में विद्रोह कर दिया और शिवसेना दो हिस्सों में बंट गई. बंटवारे के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और शिंदे बीजेपी से समर्थन लेकर सीएम बन गए.


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