Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के पहले उप-मुख्यमंत्री अजित पवार (अपने गुट वाली एनसीपी के मुखिया) के बयान से सियासत गर्म हो गई है. महायुति सरकार में उनके ही लगातार विरोध कर रहे हैं, जिसके बाद उनका दर्द छलका है. उन्होंने कहा कि परिवार में फूट डालने की कोशिश मत करो. समाज इसको पसंद नहीं करेगा. समाज परिवारों में दरार देखना पसंद नहीं करता. 


अजित पवार ने परिवार वाले बयान से इतर पुरानी चूक भी कबूल ली. उनके हालिया बयानों का संदर्भ लोकसभा चुनाव 2024 में पत्नी सुनेत्रा और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच चुनावी मुकाबले की ओर था. इतना ही नहीं, महायुति में उनके साथ हो रहा व्यवहार भी उन्हें दुखी कर रहा है. महीने भर के अंदर अजित पवार का ये परिवार को लेकर भावुक करने वाला दूसरा बयान है. अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा को बारामती से चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ लड़ाया था, जिसमें वह हार गई थीं. उनका कहना था कि राजनीति का प्रवेश परिवार में न ही होना चाहिए.  


अजित पवार ने गलती की स्वीकार


परिवार को लेकर अजित पवार ने गलती ऐसे समय पर स्वीकार की, जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विभाजन के बाद महायुति गठबंधन के साथ सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी का पहले लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन खराब रहा तो अब विधानसभा चुनाव को लेकर वह टेंशन में आ गए हैं. 


जन सम्मान रैली में थे अजित पवार


महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में शुक्रवार (छह सितंबर, 2024) को एनसीपी की जन सम्मान रैली को अजित पवार ने संबोधित करते हुए कहा कि उनकी ओर से राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार की एनसीपी जॉइन करने से रोकने का प्रयास किया. संबोधन में अजित पवार ने पूछा कि पिता से ज्यादा एक बेटी को कोई प्यार नहीं कर सकता. वह बेटी के साथ रहे उसे जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया, अब वह पिता के खिलाफ चुनाव में लड़ने को तैयार हैं. क्या ऐसा करना सही है? बल्कि उनको तो माता-पिता का साथ देना चाहिए, क्योंकि उनके पास ही क्षेत्र का विकास करने की क्षमता है. समाज परिवार में फूट डालने को स्वीकार नहीं करता. भाग्यश्री का उठाया कदम परिवार में फूट लाने के जैसा है. उन्हें इसका अनुभव है और वह गलती मानते हैं. 


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