कैश फॉर वोट कांड! विनोद तावड़े के बचाव में BJP बोली- 'CCTV देख लें, हवा में लट्ठ न भांजे MVA'
Maharashtra Cash For Vote Case: बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े पर वोट के बदले कैश देने का आरोप लगाया गया है, जिस पर राजनीतिक गरमा गई है. बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बचाव किया है.
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से एक दिन पहले एक बड़ा ड्रामा देखने को मिला, जब एक क्षेत्रीय पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े का घेराव किया और उन पर पालघर में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी बांटने का आरोप लगाया. मामले पर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये अनरगल आरोप है और जिस जगह के लिए आरोप लगाया है वहां पर महा विकास अघाड़ी लड़ाई में नहीं है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "महाराष्ट्र का चुनाव अंतिम चरण में है और जैसे-जैसे खत्म हो रहा है वैसे-वैसे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं. उसी तरह एक निराधार आरोप लगाकर महा विकास आघाड़ी अपनी झटपटाहट दिखा रहा है. महाविकास अघाड़ी हवा में आरोप लगा रही है ,अगर उनके पास सबूत हैं तो दिखाएं. जिस नालासोपारा का मामला बताया जा रहा है वहां हमारे महासचिव विनोद तावडे गए थे, जो संगठन की बैठक लेने गए थे. खिसियाहट और बौखलाहट में महाविकास अघाड़ी विक्षिप्तता की सीमा तक पहुंच गई है."
‘हवा में आरोप न लगाएं, सबूत दिखाएं’
उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र का चुनाव जैसे अंतिम चरण में आ रहा है. हार के डर से कहीं हिंसा की घटना हो रही है तो कहीं उलेमा के जरिए फतवा जारी हो रहा है. बेबुनियाद आरोप महाविकास की ओर से लगाया जा रहा है. विनोद तावड़े राष्ट्रीय महासचिव हैं और प्रत्याशी से बात कर हाल चाल ले रहे थे. एमवीए के जो उम्मीदवार हैं, वह आ गए. विनोद तावड़े ने बोला भी कि यह घटना होटल की है. आसपास के सीसीटीवी देख लें. हवा में आरोप न लगाएं.”
'कैश फॉर वोट के चैंपियन हैं ये लोग'
बीजेपी नेता ने कहा, “इतनी बड़ी धनराशि का हवा में आरोप नहीं लग सकते हैं. बैठक में पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे. कोई बाहर का व्यक्ति नहीं था. महाविकास अघाड़ी अपनी हार की खिसियाहट में अनर्गल आरोप लगा रही है. चुनावों को भ्रमित करने के लिए और प्रभावित करने के लिए महा विकास आघाड़ी प्रयास कर रही है. सीसीटीवी फुटेज दिखाएं, जहां पर कोई कार्यवाई हो रही हो. सुप्रीम कोर्ट में यह साबित हो चुका है, जहां पर पैसा लेकर सरकार बचाई गई, झारखंड का उदाहरण है. यह लोग कैश फॉर वोट के पुराने चैंपियन हैं. यह आरोप सफल होने वाला नहीं है.”
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