Mahayuti VS MVA Fight: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है. इस चुनावी जंग में एक तरफ जहां लुभावने वादे किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ बंटेगे तो कटेंगे का नारा अपनी जगह बना चुका है. इन सब के बीच महाराष्ट्र में कुछ ऐसी सीटें भी हैं जिन पर बहुत ही जबरदस्त और टाइट फाइट देखने को मिल सकती है क्योंकि 2019 में 37 सीटें ऐसी थीं जहां पर हार-जीत का अंतर मामूली रहा.


महायुति के सीट बंटवारे के मुताबिक, बीजेपी 148 सीटों पर, शिवसेना 80 सीटों पर और एनसीपी 53 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी बची सात सीटों में से पांच सीटें छोटी पार्टियों को दी गई हैं. आष्टी, मोर्शी और अणुशक्तिनगर निर्वाचन क्षेत्रों में तीनों दलों के बीच ‘दोस्ताना मुकाबला’ होगा.


उधर, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ओर से कांग्रेस 101 सीटों पर, शिवसेना (यूबीटी) 94 सीटों पर और एनसीपी (एसपी) 88 सीटों पर लड़ रही है. तीनों सहयोगी दलों के बीच परानाडा और पंढरपुर सीट के लिए ‘दोस्ताना मुकाबला’ लड़ा जाएगा.


इन पांच सीटों पर हजार वोटों से भी कम पर हुआ था हार जीत का फैसला


न्यूज वेबसाइट आजतक के मुताबिक, महाराष्ट्र की चांदीवली सीट पर शिवसेना के भाऊसाहेब लांडे को बेहद नजदीकी मुकाबले में सिर्फ 409 वोटों से जीत मिली थी. इसी तरह अर्जुनी-मोरगां सीट पर एनसीपी के चंद्रिकापुरे मनोहर गोवर्धन को 718 वोटों से जीत मिली. पुणे की दौंड सीट पर बीजेपी के राहुल सुभाषराव 746 वोटों से जीते थे. सोलापुर की संगोला सीट पर शिवसेना के शाहजी बापू राजाराम पाटिल 768 वोटों से जीत पाए. वहीं, अहमदनगर की कोपरगांव सीट पर एनसीपी के आशुतोष अशोकराव काले सिर्फ 822 वोटों से जीत सके थे.


एक से दो हजार के अंतर से जीत वाली सीटें


इसके अलावा भिवंडी ईस्ट, मूर्तिजापुर, मुक्ताईनगर और बीड सीटों पर जीत-हार फैसला एक से दो हजार वोटों के अंतर से हुआ था. इन 4 सीटों में से एक सीट पर बीजेपी, एक पर एनसीपी, एक पर सपा और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी.


2 से 5 हजार के अंतर से जीत वाली सीटें


ऐसी 28 सीटें थीं, जिन पर हार-जीत का फैसला 2 से पांच हजार वोटों के अंतर से हुआ. इनमें से 12 सीटों पर बीजेपी, 6 पर एनसीपी, 4 पर कांग्रेस और 2 सीटों पर शिवसेना जीती थी. इसके अलावा, एआईएमआईएम, बहुजन विकास अघाड़ी और भाकपा के उम्मीदवार एक-एक सीट पर जीते और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई.


आजतक की इस रिपोर्ट में विधानसभा चुनावों को आम चुनाव के नजरिए दिखाया गया. इसी के मुताबिक, 31 सीटों पर पांच हजार से कम वोटों के अंतर से हार-जीत का फैसला हुआ. हालांकि लोकसभा चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में वोटिंग पैटर्न अलग होता है लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां इन सीटों पर खास ध्यान दे रही हैं.  


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