Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक महीने का समय बचा है, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में जनमत तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम शुरू किए हैं. सूत्रों के मुताबिक संघ ने अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ समन्वय कर लोगों से बातचीत करना शुरू कर दिया है.  


सूत्रों की मानें तो पूरे राज्य में टोलियां बनाई गई हैं और उन्होंने अपने-अपने इलाकों में लोगों तक संदेश पहुंचाना शुरू कर दिया है. प्रत्येक टोली 5-10 लोगों के छोटे ग्रुप के साथ बैठकें कर रही है और अपने-अपने इलाकों के मोहल्लों के परिवारों से बातचीत कर रही है. सूत्रों ने बताया कि संघ की टोलियां इन बैठकों में सीधे तौर पर भाजपा का समर्थन नहीं करतीं बल्कि राष्ट्रीय हित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और समाज से जुड़े विभिन्न स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा के माध्यम से लोगों की राय को आकार देती हैं. 


भाजपा की जीत के पीछे संघ की बैठकें रही कारण


टोलियां बनाने से पहले संघ और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों ने रणनीति तैयार करने के लिए राज्य में सभी स्तरों पर समन्वय बैठकें कीं. यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है कि हाल ही में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद ही संघ ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए यह फैसला किया है. पूरे हरियाणा में अपने सहयोगी संगठनों के साथ संघ की ओर से की गई बैठकें भाजपा की सफलता के पीछे प्रमुख कारणों में से एक रही है. 


अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर लोगों की चिंताएं की थी दूर


सूत्रों की मानें तो हरियाणा में बनाई गई संघ कार्यकर्ताओं की टोलियों ने राज्य भर में 1.25 लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठकें की थीं. इन बैठकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की जाट-केंद्रित नीतियों सहित विभिन्न मुद्दों को उजागर करके हरियाणा में जनमत को आकार देने में मदद की. उन्होंने अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर लोगों की चिंताओं को दूर किया. उन्होंने किसानों से भी बातचीत की और उनकी भावनाओं को भाजपा के पक्ष में करने में कामयाब रहे. 


RSS के सक्रिय होने से भाजपा में जोश


ऐसा कहा जा रहा था कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन के पीछे आरएसएस कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी का होना एक प्रमुख कारण था. सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव के दौरान अनुकूल जनमत तैयार करने में आरएसएस कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है और पार्टी में कई लोगों को उम्मीद है कि हरियाणा की रणनीति का दोहराते हुए उन्हें महाराष्ट्र में भी अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं.  


20 नवंबर को एक चरण में होगा चुनाव


हालांकि, आरएसएस का कहना है कि वह सीधे तौर पर चुनावी राजनीति में शामिल नहीं होता, लेकिन लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि वह चुनावों में भाजपा की छिपी ताकत है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए बहुत कुछ दांव पर लगा है. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) की महाविकास आघाडी सत्तारूढ़ गठबंधन से सत्ता छीनने की कोशिश कर रही है. 


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