Maharashtra Elections: महाराष्ट्र चुनाव में किसे नफा-किसे नुकसान? NCP का इंटरनल सर्वे सबको कर रहा हैरान!
Maharashtra Elections: लोकसभा चुनाव में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का प्रदर्शन बाकी पार्टियों की तुलना में सबसे खराब रहा, जिसके बाद पार्टी ने एक सर्वे कराया. सर्वे में पार्टी की स्थिति बेहतर है.
Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी, अजित पवार और शिवसेना की अगुवाई वाली महायुति विधानसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन इस चुनाव में किस पार्टी को कितना फायदा होगा और कितना नुकसान होगा ये तो महाराष्ट्र में हुए एक ताजा सर्वे ने बता दिया है.
लोकसभा चुनाव में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का प्रदर्शन बाकी पार्टियों की तुलना में सबसे खराब रहा, जिसको देखते हुए विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी ने एक इंटरनल सर्वे कराया, जिसमें महाराष्ट्र में महायुति और एनसीपी का परफॉर्मेंस अच्छा जा रहा है. सर्वे के मुताबिक, अजित पवार की एनसीपी को वर्तमान में 23 सीटें जीत सकती है.
कड़ी मेहनत की है जरूरत
अजित पवार ने शरद पवार का साथ बीते साल 2023 के जून में छोड़ दिया था और वह अपने साथ 40 विधायकों को भी ले आए, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में इन विधायकों के जीतने की संभावनाएं बेहद कम नजर आ रही हैं. सर्वे में एनसीपी के 23 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में पार्टी के लिए 16 ऐसी विधानसभाएं हैं, जहां पर कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
70 सीटों पर करवाया सर्वे
इसके अलावा 31 ऐसी विधानसभा हैं, जहां पर पार्टी के लिए स्थिति प्रतिकूल है. इन 31 विधानसभा में से 21 जगहों पर पार्टी को जीतने के लिए अपने सहयोगियों का साथ लेना होगा. इन 21 सीटों पर अजित पवार के उम्मीदवार तब जीत पाएंगे जब बीजेपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के वोट एनसीपी को चले जाएंगे.
वहीं 10 ऐसी अन्य विधानसभा आए हैं, जहां पर एनसीपी अपने विरोधियों से कमजोर नजर आ रही है. अजित पवार की एनसीपी ने 70 सीटों की मांग की है इसलिए पार्टी ने इन्हीं 70 सीटों पर सर्वे भी कराया है. इस सर्वे के जरिए महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन की स्थिति की भी समीक्षा हुई है.
क्या कहते थे पहले के आंकड़े
एक सर्वे सितंबर में भी हुआ था, जब राज्य की 39.3 फीसदी जनता महायुति के समर्थन में थी. वहीं अगस्त के सर्वे में आंकड़ा 37.01 फीसदी था. बात कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) की करें तो 42.43 फीसदी जनता ने MVA को सपोर्ट किया था. जुलाई में 34.68 फीसदी जनता महायुति के समर्थन में आई थी तो वहीं MVA के सपोर्ट में 43.2 फीसदी लोग थे.
बीजेपी और शिवसेना का रहा सहयोग तो…
सर्वे को लेकर एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पहले उन्हें केवल 6 सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 23 तक पहुंच गया है. उनका कहना है कि विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी 23 सीटों को बेहद आसानी से जीत सकती है, लेकिन 16 सीटों पर और मेहनत करनी होगी उन्होंने कहा कि शिवसेना और बीजेपी के सहयोग से वह बाकी सीटें भी जीत सकते हैं.
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