Praveen Togadia Latest News: लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चीफ जेपी नड्डा ने कहा था कि पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निर्भर नहीं है. ऐसा माना गया था कि चुनाव में आरएसएस ने हाथ खींच कर रखा और जब जून में इलेक्शन के नतीजे आए तो बीजेपी को 10 साल में सबसे कम सीटें मिली. परिणामों के बाद सरसंघचालक मोहन भागवत भी अहंकार को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने लगे. हालांकि, अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अचानक छह साल बाद हिंदू नेता प्रवीण तोगड़िया एक्टिव नजर आने लगे हैं.

  


नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली में मंच पर मोहन भागवत के साथ प्रवीण तोगड़िया दिखे थे, जबकि अगले दिन दोनों की बातचीत हुई. सियासी गलियारों में अब कहा जा रहा है कि हिंदू हितों के नाम पर प्रवीण तोगड़िया ने बीजेपी को लेकर मोहन भागवत के कान भरे. हालांकि, दोनों की मुलाकातों के पीछे कारण तो फिलहाल समझ नहीं आ रहा पर बड़ी बात यह है कि पूरे छह साल के बाद हिंदू नेता प्रवीण तोगड़िया वापस आ गए. 


नहीं मिल रहे सवालों के जवाब


प्रवीण तोगड़िया ने दशहरा पर मोहन भागवत के साथ हिंदू समाज को एकजुट रहने की अपील की थी. ठीक 24 घंटे बाद दोनोंं दिग्गजों की मुलाकात हुई. ऐसे में सवाल उठने लगे कि इतने साल बाद उन्हें बुलाया गया या फिर वह खुद आए? हालांकि, किसी भी सवाल का अब तक कोई जवाब नहीं मिला. वैसे, प्रवीण तोगड़िया की ओर से कहा गया कि मोहन भागवत से उनकी मुलाकात के पीछे कोई राजनीतिक मकसद नहीं था. वह मोहन भागवत के साथ लंबे समय तक रहे हैं. अब मुलाकात हुई है तो सभी मुद्दों पर चर्चा जरूर थी. 


धर्म की लड़ाई कैसे लड़ेगा हिंदू समाज


सबसे खास बात है कि प्रवीण तोगड़िया, बीजेपी को लेकर सॉफ्ट नहीं हैं. अंग्रेजी अखबार 'दि हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवीण तोगड़िया ने मोहन भागवत को समझाया कि हिंदू किसी राजनीतिक रूप से किसी पर भरोसा नहीं कर रहा है. बीजेपी राम मंदिर का चुनावी फायदा नहीं उठा सकी. प्रवीण तोगड़िया को लग रहा है कि राम मंदिर से देश में सभी हिंदू जातियों को एक करने का मकसद हासिल तो हुआ पर सबका ध्यान इससे अलग हो गया. उन्होंने कहा, “मैं और संघ प्रमुख दोनों ऐसा मान रहे हैं कि जो हिंदू समाज स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों से जूझ रहा हो वह भला धर्म की लड़ाई कैसे लड़ेगा.” प्रवीण तोगड़िया के इन बयानों और सवालों का सीधा निशाना बीजेपी पर है. 


प्राण प्रतिष्ठा में नहीं बुलाए गए थे प्रवीण तोगड़िया


दो सीटों से 303 सीटों तक पहुंचने वाली बीजेपी के सफर में प्रवीण तोगड़िया का बेहद खास रोल रहा है. हालांकि, जैसे-जैसे बीजेपी में नरेंद्र मोदी की पैठ जमती गई, प्रवीण तोगड़िया जैसे पुराने विश्व हिंदू परिषद के नेता दूर होते चले गए. आगे 2018 में प्रवीण तोगड़िया ने विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) समेत हर संगठन से नाता तोड़ दिया था पर सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जब इस साल जनवरी में यूपी के अयोध्या स्थित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो उन्हें नहीं बुलाया गया.


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