Maharashtra Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर्नाटक चुनाव के रण में प्रचार के लिए मैदान में उतर रहे हैं. सीएम शिंदे के कर्नाटक जाने के ऐलान ने उनके विरोधियों को उन पर हमला बोलने का बैठे बिठाए मौका दे दिया है. सीएम एकनाथ शिंदे का महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा के इलाकों में प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा के पास के बेलगाम, कारवार और निपानी को शिवसेना और बालासाहब ठाकरे महाराष्ट्र का हिस्सा बताते रहे हैं. 1960 से ही शिवसेना इसे महाराष्ट्र का हिस्सा बताकर आंदोलन करती रही है. सीएम शिंदे का यहां कर्नाटक में जाकर प्रचार करना शिवसेना और बालासाहब ठाकरे की विचार धारा से मेल नहीं खाता. बेलगाम, कारवार और निपानी फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं.
एक इंच जमीन महाराष्ट्र को नहीं देंगे- बोम्मई
यह इलाका दो राज्यों की सरकारों के लिए हमेशा से विवादों का मुद्दा बना रहा है. सीएम शिंदे खुद बेलगाम में जाकर आंदोलन कर कर्नाटक के जेल की हवा भी खा चुके हैं. लेकिन शायद राजनीतिक मजबूरी के चलते शिंदे ने अपने और अपनी पार्टी की विचारधारा को शायद कुछ दिनों के लिए गिरवी रख दिया है. सवाल ये है कि क्या एकनाथ शिंदे कर्नाटक के सीएम बोम्मई की सरकार के लिए प्रचार करेंगे जिन्होंने कहा है कि हम एक इंच जमीन महाराष्ट्र को नहीं देंगे.
शिवसेना के लिए क्यों भावनात्मक मुद्दा है सीमावर्ती इलाका
कर्नाटक चुनाव में सीमावर्ती इलाके में महाराष्ट्र एकीकरण समिति चुनाव लड़ रही है. सीमावर्ती इलाकों में रहने वाली मराठी जनता ने इस समिति को अपना समर्थन दिया है. बेलगाम की 18 विधानसभा सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय है. उद्धव गुट और एनसीपी के समर्थन ने बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
सवाल ये है कि शिवसेना हमेशा सीमार्ती इलाके में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के समर्थन में उतरी है, फिर ऐसे में क्या इस चुनाव से सीएम शिंदे बीजेपी के लिए प्रचार से दूरी बनाते हैं तो उनके विरोधियों को हमला बोलने का मौका मिल जाएगे.
बीजेपी के ट्रैप में अटके सीएम एकनाथ शिंदे
सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा इलाके में सीएम एकनाथ शिंदे को ना भेजने का प्लान मुंबई में बीजेपी के बड़े नेता ने तैयार किया है. सीएम शिंदे 3 दिनों के कर्नाटक दौरे में कोस्टल कर्नाटक का दौरा करेंगे. इसमें वे अमित शाह के साथ रोड शो में शामिल होंगे. इसके साथ ही वो उडुपी और मैंगलोर में बीजेपी उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे.
कर्नाटक की नई सरकार महाराष्ट्र सीमा विवाद सुझाएगी?
दरअसल, महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है. केंद्र सरकार का भी इसमें बड़ा महत्वपूर्ण किरदार रहेगा. लेकिन कर्नाटक की अगर बात करें तो बेलगाम को वहां की सरकार उप राजधानी का दर्जा दे चुकी है. कर्नाटक विधानसभा का एक सत्र बेलगाम में होता है ऐसे में इतने सालों में वहां विकास नहीं पहुंचा है.