मुंबई: महराष्ट्र में शिवसेना के दबाव के आगे बीजेपी झुकने के मूड में नहीं है. नई सरकार के गठन को लेकर बीजेपी ने आज शिवसेना से दो टूक कहा है कि कुछ भी कह लें अगली सरकार बीजेपी के नेतृत्व में ही बनेगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने शिवसेना से कभी भी ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के लिए वादा नहीं किया. उन्होंने कहा, ''मैं और पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा.''


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम के दिन दावा किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले उनकी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में शाह ने वादा किया था कि विधानसभा में 50-50 के फॉर्मूले को लागू करेंगे.


50-50 के फॉर्मूले का मतलब है पांच साल के कार्यकाल में ढाई साल बीजेपी का और ढाई साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा. शिवसेना का कहना है कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को बीजेपी पहले ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाए और फिर ढाई साल के लिए फडणवीस मुख्यमंत्री बनें.


शिवसेना ने आज क्या कहा?
मुख्यमंत्री के बयान से कुछ घंटे पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा ही ‘सत्य की राजनीति’ की है और वह सत्ता की भूखी नहीं है. राउत ने कहा ‘‘उद्धव ठाकरे(शिवसेना अध्यक्ष) ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं लेकिन हम उन विकल्पों को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते .... शिवसेना ने सत्य की राजनीति की है और पार्टी सत्ता के लिए भूखी नहीं है.’’


बीजेपी शिवसेना के बीच गठबंधन होने के बावजूद महाराष्ट्र में सरकार बनाने में विलंब होने के बारे में पूछने पर राउत ने कहा ‘‘महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों.’’ उनका इशारा हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला की ओर था.


राउत ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने के वास्ते विकल्प खोजने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा था कि ‘‘राजनीति में कोई संत नहीं हैं.’’ उन्होंने दावा किया था दोनों पार्टियां सत्ता में समान भागीदारी के फॉर्मूले पर सहमत थीं और मुंबई में तो इस बारे में घोषणा भी कर दी गई थी.


क्या है सीटों का आंकड़ा?
21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के विधायकों की संख्या 2014 की तुलना में घट गई जिसके बाद शिवसेना सत्ता में बराबर की भागीदारी पर जोर दे रही है. महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. शरद पवार नीत एनसीपी ने 54 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस के हिस्से 44 सीट आई हैं.


24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के तबकों की ओर से ऐसे संकेत मिलते रहे हैं कि राज्य में बीजेपी से परे सरकार गठन का शिवसेना का कदम हकीकत में बदल सकता है. हालांकि, कांग्रेस-एनसीपी की ओर से इस बारे में औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.


महाराष्ट्र में CM पद की मांग पर अड़ी शिवसेना ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा- यहां कोई दुष्यंत नहीं है जिसका पिता जेल में है