IN DEPTH: कब और कैसे बड़े भाई से छोटे भाई बन गई शिवसेना?
इन आंकड़ों को ध्यान से देखें तो पाते हैं कि बीजेपी ने शिवसेना का हाथ थाम कर अपना विस्तार किया.
नई दिल्ली: अपनी स्याही से सूबे की सुनहरी तकदीर लिखने के वादे के साथ सियासी दल महाराष्ट्र के चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. हर दल अपने सुरीले वादों के संगीत के साथ अपने विरोधियों पर हमलावर है. शिवसेना के पोस्टर में गरजते शेर की तस्वीरें खूब दिखती रही हैं. आज सूबे से लेकर देश की सियासत में शिवसेना की गर्जना कम होती जा रही है. वक्त का पलटना शायद इसे ही कहते हैं कि सूबे में खुद को बड़ा भाई समझने वाली शिवसेना अब छोटा भाई बन चुकी है. सत्ता की सियासत में सीटों का अंकगणित ही ताकत का एहसास कराता है.
अभी शिवसेना 124 सीटों पर और गठबंधन के साथियों के साथ बीजेपी 164 सीटों पर चुनावी मैदान में हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव को यदि हम अपवाद मान लें तो 1990 से बीजेपी और शिवसेना साथ चुनाव लड़ रहे हैं. 1990 से 2009 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना बड़े भाई बनी रही है. अब वक्त बदल चुका है. 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बाद बीजेपी बड़े भाई के रूप में आ गई. 1990 में शिवसेना ने 183 सीट और बीजेपी ने 104 सीटों पर चुनाव लड़ा था. अर्थात एक वक्त जो बड़े भाई थे अब छोटे भाई की भूमिका में आ गये हैं.
चुनाव में सीटों का बंटवार - 1990 में 183 शिवसेना-104 बीजेपी जीत- 1990 में बीजेपी को 42, शिवसेना को 52 सीटें
चुनाव में सीटों का बंटवाराा - 1995 में 183 शिवसेना-105 बीजेपी जीत-1995 में बीजेपी को 65, शिवसेना को 73 सीटें
चुनाव में सीटों का बंटवार - 1999 में 161 शिवसेना-117 बीजेपी जीत-1999 में बीजेपी को 56, शिवसेना को 69 सीटेंचुनाव में सीटों का बंटवार - 2004 में 163 शिवसेना-111 बीजेपी जीत-2004 में बीजेपी को 54, शिवसेना को 62 सीटें
2009 में बीजेपी ने शिवसेना को पटकनी दी चुनाव में सीटों का बंटवार - 2009 में 169 शिवसेना-119 बीजेपी जीत-2009 में बीजेपी को 46, शिवसेना को 42 सीटें
करीब ढाई दशक के बाद 2014 के चुनाव में शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टूटा. प्रमोद महाजन ने शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन कराया था. इन आंकड़ों को ध्यान से देखें तो पाते हैं कि बीजेपी ने शिवसेना का हाथ थाम कर अपना विस्तार किया.
महाराष्ट्र : 2014 के विधानसभा चुनाव का परिणाम कुल सीटें - 288 बीजेपी – 122 (27.81%) शिवसेना – 63 (19.35%) कांग्रेस – 42 (17.95%) एनसीपी - 41 (17.24%) सीपीएम – 1 (0.39%) एमएनएस – 1 (3.15%) एआईएमआईएम – 2 (0.93%) एसपी – 1 (0.17%) राष्ट्रीय समाज पक्ष – 1 (0.49%) निर्दलीय – 7 (4.71%) बहुजन विकास अघाडी – 3 (0.62%) भारिपा बहुजन महासंघ – 1 (0.89%) वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी के पाले में करीब 27 प्रतिशत तो शिवसेना के करीब 19 प्रतिशत आये. वहीं, कांग्रेस और एनसीपी करीब करीब महज 17-17 प्रतिशत वोट बटोर सके.