अखिलेश को ओवैसी का खुला चैलेंज, बोले- ये तो जमानत भी नहीं बचा पाएंगे
महाराष्ट्र में AIMIM ने 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. सपा द्वारा संभाजी नगर, धुलिया और मालेगांव में प्रत्याशी उतारे जाने पर ओवैसी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि सपा की इन सीटों पर जमानत जब्त हो जाएगी.
महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमने यहां से अमेरिका में कमला हैरिस को हरवा दिया और डोनाल्ड ट्रंप को जिता दिया. विपक्षी पार्टियों द्वारा BJP की B टीम होने से जुड़े सवाल के जवाब में ओवैसी ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि AIMIM हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ी थी, वहां क्या हुआ? ओवैसी का इशारा हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की तरफ था. इस दौरान ओवैसी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी चुनौती दे डाली.
दरअसल, एक इंटरव्यू में ओवैसी से पूछा गया था कि आपके ऊपर बीजेपी की B टीम होने का तमगा लगा है. क्या वो पीछा छोड़ रहा है? इस सवाल के जवाब में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, नहीं, हम को खुलेआम कह रहे हैं कि हमने अमेरिका में कमला हैरिस को हरवा दिया और ट्रंप को जितवा दिया. हम एक राजनीतिक पार्टी हैं, हमारा काम है इलेक्शन लड़ना. जीत हार होती रहेगी. हम कई जगह जीते भी हैं. यह तो फ्रस्ट्रेटेड लोगों की तरफ से झूठा इल्जाम लगता है.
जमानत भी नहीं बचा पाएंगे अखिलेश- ओवैसी
अखिलेश यादव से जुड़े एक सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि उन्होंने संभाजी नगर में अपना उम्मीदवार उतार दिया. यहां महाविकास अघाड़ी का भी उम्मीदवार है. समाजवादी अगाड़ी में है यह समझ में नहीं आ रहा कि कांग्रेस भी हमारे खिलाफ लड़ रही है और अखिलेश भी. इसी तरह से धुलिया और मालेगांव में अघाड़ी का उम्मीदवार है और एसपी का भी. इससे साफ ये जाहिर हो रहा है कि यह नहीं चाहते कि औरंगाबाद, मालेगांव, धूलिया और भिवंडी वेस्ट से AIMIM कामयाब हो. यह इनकी न है और इससे कुछ होने वाला नहीं है. ये लोग बदतर तरीके से हारने वाले हैं. देखना इनकी जमानत भी नहीं बच पाएगी.
महाराष्ट्र में इस बार कम क्यों उतारे उम्मीदवार?
ओवैसी से पूछा गया कि इस बार उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सिर्फ 16 सीटों पर क्यों चुनाव लड़ रही है, जबकि पिछली बार 44 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इस पर ओवैसी ने कहा, हम कम क्यों लड़े, ज्यादा क्यों लड़े... इसका तो कोई जवाब नहीं है. पार्टी रणनीति और फीडबैक के आधार पर ये फैसला करती है. ये हमारी पार्टी का फैसला है. इस पर मीडिया और विपक्षी पार्टियों को लगातार क्यूरियोसिटी बनी रहती है.