Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 20 नवंबर, 2024 यानी आगामी बुधवार को वोट डाले जाएंगे. दो दिनों बाद महाराष्ट्र की जनता अगले 5 साल की भविष्य के लिए मतदान करेगी. नेता, अभिनेता और राजनेता पूरी ताकत लगा रहे हैं. चुनाव में मौलानाओं की भी एंट्री हो गई है तो अब साधु संत भी अपनी-अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. महाराष्ट्र के राजनीतिक मुद्दों पर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जो मौलाना लोग फतवा जारी कर रहे हैं या तो वो फतवा छोड़ दें या तो देश छोड़ दें.  


अयोध्या की तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि आज हिंदूहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे का स्मृति दिन है. छत्रपति शिवाजी महाराज के संकल्पों को पूरा करने के लिए बालासाहेब ठाकरे ने अपने पूरे जीवन को खापा दिए. अलग बात है कि एक उनका कुपुत्र उद्धव ठाकरे अलग रास्ते पर चला गया है, लेकिन उनके जो सिद्धांत थे उस सिद्धांत पर एकनाथ शिंदे चल रहे हैं. हम साधु संतों का आशीर्वाद एकनाथ शिंदे जी के साथ में है. 


मौलानाओं के फतवा जारी करने पर क्या बोले संत?


परमहंस आचार्य ने कहा, “भारत एक लोकतांत्रिक संवैधानिक राष्ट्र है. लोकतंत्र के दायरे में सबको रहना चाहिए. अब फतवा धारी या तो ये लोग फतवा छोड़ दें या देश छोड़ दे. नहीं तो हम लोग दुनिया छुड़वा देंगे इनको. जो लोग ये धमकी दे रहे हैं कि जो बीजेपी को या शिवसेना को वोट देगा उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा. इन लोगों को हम चिन्हित कर रहे हैं और इनको हम लोग फांसी के फंदे तक ले जाएंगे. जिस तरह से लोगों में भय पैदा कर के वोट जिहाद चलाया जा रहा है, यह भारत में चलने वाला नहीं है.” 


‘अब वोट जिहाद भी शुरू हो गया’


आचार्य ने कहा कि क्रिया की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है. अभी तक हम लोग लव जिहाद, लैंड जिहाद, व्यापार जिहाद सुनते थे, लेकिन अब वोट जिहाद शुरू हो गया है.


‘RSS पर प्रतिबंध लगाने वाला पैदा नहीं हुआ’


परमहंस आचार्य ने कहा कि इस बार महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का जो गठबंधन है वह मजबूत है. चाहे उत्तर भारतीय हो या महाराष्ट्रीय हो. सभी एक तरफा सपोर्ट बीजेपी-शिवसेना को हैं. यही कारण है कि उद्धव ठाकरे को अब जिहादियों का सपोर्ट लेना पड़ रहा है. जिहादियों ने उद्धव ठाकरे से कह दिया है कि जब वह मुख्यमंत्री बनेंगे तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगाएंगे. उद्धव ठाकरे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के लिए संकल्प ले लिया है. अब इनको यह नहीं पता है कि आरएसएस राष्ट्र भक्तों का संगठन है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कोई प्रतिबंध लगा दे ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ है.


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