Maharashtra Elections: ‘अगर कांग्रेस ग्रामीण इलाकों को गंभीरता से लेती तो..’, भारत की गरीबी पर नितिन गडकरी का तंज
Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने देश में गरीबी को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि ध्यान नहीं दिया गया.
Nitin Gadkari On Poverty: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार (09 नवंबर) को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने शासनकाल में ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया होता तो भारत में गरीबी की स्थिति बेहतर होती.
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने कभी भी ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा. अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी जाती तो किसान आत्महत्या नहीं करते और गांवों में गरीबी नहीं होती." उन्होंने आगे कहा, ‘‘भारत के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने लगातार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की उपेक्षा की है. गांवों में सड़क और स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था.’’
महाराष्ट्र में रैली को किया संबोधित
बीजेपी नेता महाराष्ट्र के आर्वी में एक रैली में बोल रहे थे और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी ही नहीं, बल्कि उन समर्पित कार्यकर्ताओं का भी प्रतिनिधित्व करती है जिन्होंने अपना जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले केंद्रीय मंत्री ने अपनी राजनीतिक यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ता के रूप में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए नागपुर के सांसद गडकरी ने पास के वर्धा जिले में स्कूटर से यात्रा करने की यादें साझा कीं. उन्होंने कहा कि यह जिला महाराष्ट्र के 288 विधायकों में से 62 के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
गडकरी ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने में कांग्रेस की विफलता की आलोचना करते हुए कहा, "अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी गई होती तो हम अपने गांवों में किसानों की आत्महत्या और गरीबी नहीं देख रहे होते."
आरक्षण के मुद्दे पर क्या बोले नितिन गडकरी?
उन्होंने आरक्षण पर अपना रुख व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि वे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से वंचित समूहों के लिए उपायों का समर्थन करते हैं, लेकिन वे धर्म और जाति को राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने का विरोध करते हैं. उन्होंने समाज को आगे बढ़ाने में वास्तविक प्रयास के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "हमें अपनी कड़ी मेहनत के माध्यम से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए."
ये भी पढ़ें: Wayanad Bypoll: वायनाड उपचुनाव से पहले ऐसा क्या हुआ, जो दर्ज हो गया राहुल-प्रियंका गांधी पर केस