Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार (17 नवंबर, 20244) को अपने चाचा और एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से अलग होने के अपने फैसले के बारे में बताया. अजित पवार ने पार्टी विधायकों के दबाव का हवाला दिया, जो शिंदे सरकार में शामिल होना चाहते थे. पिछले साल जुलाई में हुए पार्टी के अलगाव के बाद अजित पवार और आठ अन्य विधायक सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे. उन्होंने इस कदम को विकास परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए जरूरी बताया.


20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बारामती में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, "आपको लग सकता है कि मैंने इस उम्र में पवार साहब को छोड़ दिया है… मैंने उन्हें नहीं छोड़ा. विधायकों का मानना ​​था कि महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान स्वीकृत कई विकास कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए सरकार में शामिल होना जरूरी था, लेकिन वे रुके हुए थे." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विधायकों ने औपचारिक रूप से इस कदम का समर्थन किया था.


बारामती की जनता से मांगा समर्थन


आगामी विधानसभा चुनावों में अजित पवार का मुकाबला शरद पवार के गुट के उम्मीदवार योगेंद्र पवार से है. अजित पवार 1991 से बारामती का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपने पिछले योगदान के बारे में बताते हुए लोगों से उनको समर्थन करने की अपील की. वह बोले, "पिछले लोकसभा चुनावों में आपने पवार साहब और सुप्रिया सुले का समर्थन किया था. अब मैं आपसे समर्थन मांगता हूं."


तीव्र हुई पारिवारिक प्रतिद्वंद्विता 


पवार परिवार के गढ़ कहे जाने वाले बारामती में लोकसभा चुनावों के दौरान कांटे की टक्कर देखी गई. सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को बड़े वोटों के अंतर से हराया था. इस विधानसभा चुनाव में पारिवारिक प्रतिद्वंद्विता और भी तीव्र हो गई है और दोनों गुट निर्वाचन क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए होड़ कर रहे हैं.


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