महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग के बाद सियासी गहमागहमी थम गई, लेकिन मतदाताओं ने किसे ताज पहनाया है यह राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. एग्जिट पोल महाराष्ट्र की जनता की नब्ज को टटोलने का दावा करते हुए बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की एक बार फिर बहुमत की सरकार बनने का अनुमान लगा रहे हैं. रोज रंग बदलती महाराष्ट्र की राजनीति में पूरा देश दिलचस्पी ले रहा है. यह चुनाव सियासी दलों की साख का ही सवाल नहीं है, बल्कि इसके नतीजे महाराष्ट्र की आगे की राजनीति में क्या होगा इसकी पटकथा भी लिखेंगे. यह चुनाव बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए कैसा रास्ता दिखाएगा और आदित्य ठाकरे के लिए ये कितना मायने रखता है, यह समझना बहुत जरूरी है.


ठाकरे परिवार बिना चुनाव लड़े ही करीब 4 दशक से महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करता आ रहा है. बाल ठाकरे ना कभी विधायक बने ना कभी सांसद, शिवसेना सत्ता में आई तब भी उन्होंने मुख्यमंत्री का पद नहीं लिया. लेकिन एक लंबे समय तक वो राज्य का सबसे बड़ा चेहरा रहे. बाल ठाकरे के निधन के बाद उनके बेटे उद्धव ठाकरे और पोते आदित्य ठाकरे पार्टी की कमान संभाल रहे हैं.


आदित्य, मध्य मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से मैदान में हैं


इस बार के विधानसभा चुनाव में शिवसेना में 60 साल पुरानी परंपरा टूटी. आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं. आदित्य, मध्य मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से मैदान में हैं. परंपरा ये कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी किसी तरह का चुनाव नहीं लड़ता. 29 साल के आदित्य ठाकरे का सियासी करियर अबसे 9 साल पहले शुरू हुआ था. साल 2010 की सालाना दशहरा रैली में आदित्य के दादा बाल ठाकरे ने उनके हाथ में तलवार थमाते हुए शिवसेना में उनकी औपचारिक एंट्री करवाई थी. उसके बाद उन्हें पार्टी की युवा इकाई युवा सेना का प्रमुख बना दिया गया. जल्द ही पार्टी से जुड़े अहम मामलों में आदित्य को शामिल किया जाने लगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में आदित्य के कंधे पर प्रचार की जिम्मेदारी भी थी. शिवसेना उन्हें सीएम के चेहरे के तौर पर पेश कर रही हैं.


शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इसे लेकर कहा था कि ''भले ही चंद्रयान-2 लैंड नहीं कर पाया लेकिन सीएम दफ्तर आदित्य ठाकरे जरूर पहुंचेंगे.'' राउत ने वर्ली विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा में कहा था कि ''कुछ तकनीकी कारणों से चंद्रयान-2 चांद पर लैंड नहीं हो सका, लेकिन हमें विश्वास है कि यह सूरज (आदित्य ठाकरे) 24 अक्टूबर को मंत्रालय के छठे फ्लोर (मुख्यमंत्री कार्यालय) तक जरुर पहुंचेगा.''


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी यह वचन भी दिया था कि ''महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर शिवसैनिक को ही बैठाएंगे.'' 'सामना' के लिए एक इंटरव्यू में उद्धव ने कहा था कि ''24 तारीख के बाद मैं दोबारा बोलूंगा. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर शिवसैनिक को बैठाकर दिखाऊंगा, ये मेरा शिवसेना प्रमुख (बालासाहेब ठाकरे) को वचन है.''


बीजेपी अपने दम पर बहुमत के करीब


लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़े किसी और बात की गवाही दे रहे हैं. लगभग हर चैनल के एग्जिट पोल में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनती तो दिख रही है लेकिन सीटों के लिहाज से बीजेपी के नंबर शिवसेना से काफी अधिक हैं. ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े के करीब है. एबीपी न्यूज़-सी वोटर के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 140 तो वहीं सहयोगी शिवसेना को उससे आधी यानी की 70 सीटें ही मिलने का अनुमान है.


देवेंद्र फडणवीस जो कि वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने चुनाव की घोषणा से पहले ही यह एलान कर दिया था कि सीएम वही बनेंगे. प्रचार अभियान की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने फडणवीस के नाम पर मुहर भी लगा दी. टिकट बंटवारे के दौरान फडणवीस ने अपने ज्यादातर प्रतिद्वदियों को भी किनारे लगा दिया था. ऐसे में बीजेपी की तरफ से उनका रास्ता पूरी तरह से साफ है.


फडणवीस के रास्ते में एक मात्र अड़चन आदित्य ठाकरे हैं. लेकिन अगर चुनाव परिणाम भी एग्जिट पोल के मुताबिक होते हैं तो आदित्य, फडणवीस के सामने कोई चुनौती नहीं पेश कर पाएंगे. ऐसे में आदित्य ठाकरे की भूमिका क्या होगी ये बड़ा सवाल है.


उद्धव कहेंगे तो आदित्य डिप्टी सीएम बनेंगे- फडणवीस


हालांकि, फडणवीस ने पहले ही साफ कहा है कि आदित्य ठाकरे क्या करेंगे या शिवसेना उन्हें कौन सा पद देगी, ये शिवसेना का अपना फैसला है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि ''अगर उद्धव ठाकरे कहेंगे तो आदित्य उप मुख्यमंत्री बनेंगे.''


चुनाव अभियान की शुरूआत से ही शिवसेना के नेता लगातार कहते रहे हैं कि ठाकरे परिवार हमेशा शीर्ष में रहा है. वह दूसरे नंबर के पद पर नहीं बैठेगा बल्कि राज्य की सत्ता के शिखर पर रहेगा. उद्धव ठाकरे भी लगातार शिवसैनिक को ही सीएम बनाने का दावा करते दिखे हैं. ऐसे में 24 तारीख को नतीजों के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि अपने सियासी करियर का पहला चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे कहां पहुंचते हैं.


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