महाराष्ट्र में EVM को लेकर विपक्ष की खुली पोल! चुनाव आयोग ने दिखाया आईना, 1440 VVPAT का मिलान निकला सटीक
Election Commission: ईवीएम की विश्वसनीयता की पुष्टि करते हुए कहा कि ये स्वतंत्र उपकरण हैं और इन्हें हैक किये जाने की कोई संभावना नहीं है. EC ने विपक्ष के बूथ कैप्चरिंग के आरोपों पर भी जवाब दिया.
EC On maharashtra polls: महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजों के बाद विपक्ष लगातार ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी किरण कुलकर्णी ने कहा है कि पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान कुल 1,440 वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपैट) का सत्यापन किया गया और उनके परिणाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की गणना से पूरी तरह मेल खा रहे हैं.
EVM को हैक नहीं किया जा सकता- चुनाव आयोग
वीवीपैट को प्रिंटर पोर्ट के माध्यम से ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है. इस व्यवस्था के तहत मत डालने के तुरंत बाद कागज की एक पर्ची निकलती है. इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उनका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है. उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता की पुष्टि करते हुए कहा कि ये स्वतंत्र उपकरण हैं और इन्हें हैक किये जाने की कोई संभावना नहीं है.
किरण कुलकर्णी ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन से संबंधित 659 मामले दर्ज किए गए और उनकी जांच जारी है. यह महाराष्ट्र में अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान दर्ज किए गए 366 ऐसे मामलों से काफी अधिक है. राज्य में विधानसभा चुनाव 23 नवंबर को हुए थे. कुलकर्णी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के मामलों की जांच सक्रियता से की जा रही है और विश्वास जताया कि वे संतोषजनक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.
बूथ कैप्चरिंग के आरोप पर ECI का बयान
उन्होंने कहा कि नफरत भरे भाषणों और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की गहन जांच की गई और कुछ मामलों में संबंधित कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई भी की गई. ईवीएम के संबंध में विपक्षी दलों की ओर से लगाए जा रहे छेड़छाड़ के आरोपों और उनकी विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल उठाने के बारे में पूछे जाने पर कुलकर्णी ने उनकी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया और कहा कि ये उपकरण छेड़छाड़-रहित हैं.
पिछले महीने मतदान के दौरान मध्य महाराष्ट्र के बीड जिले में प्रसारित कुछ वीडियो के संदर्भ में बूथ कैप्चरिंग की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसी घटनाओं का कोई इतिहास नहीं है. उन्होंने कहा कि ये वीडियो या तो मौजूदा चुनावों से संबंधित नहीं थे या फिर राज्य के नहीं थे. उन्होंने कहा कि बीड के 6 मतदान केंद्रों पर व्यवधानों को तुरंत दूर किया गया और एक घंटे के भीतर मतदान फिर से शुरू हो गया.
1440 वीवीपैट में पर्चियों के मिलान सटीक
कुलकर्णी ने कहा, ''इन विधानसभा चुनावों में हमने 288 निर्वाचन क्षेत्रों में 1,440 वीवीपैट का सत्यापन किया, जो प्रति निर्वाचन क्षेत्र वीवीपैट का 5 फीसदी है. सभी गणनाएं ईवीएम के परिणामों से पूरी तरह मेल खाती हैं, जिससे प्रणाली की विश्वसनीयता पुष्ट होती है.'' कुछ ईवीएम में 99 प्रतिशत बैटरी चार्ज दिखाए जाने और इसे संभावित छेड़छाड़ से जोड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''पावर पैक के बारे में यह जानना जरूरी है कि यह मोबाइल बैटरी की तरह नहीं है. इसकी उम्र पांच साल है और क्षमता बहुत ज़्यादा है.''
उन्होंने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (ईवीएम बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में से एक) जैसी कंपनियों की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के माध्यम से इन तकनीकी विवरणों को समझाया है.
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