महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: सीएम फडणवीस और आदित्य ठाकरे समेत दांव पर है इन दिग्गजों की सियासी साख
महाराष्ट्र के चुनाव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री फडणवीस और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण शामिल हैं. आदित्य ठाकरे भी मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: महाराष्ट्र के चुनावी अखाड़े में मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प हैं. कांग्रेस-एनसीपी जहां सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी-शिवसेना सत्ता में बने रहने की चुनौती का सामना कर रहे हैं. बीजेपी-शिवसेना में तो सीटों के बंटवारे से लेकर सीएम पद को लेकर भी शुरू से तकरार देखने को मिली है. लेकिन सभी पार्टियों के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव जीतने की है. महाराष्ट्र के चुनाव मैदान में प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण शामिल हैं. उद्धव ठाकरे के बेटे और युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ रहे हैं. ठाकरे परिवार से चुनावी राजनीति में कदम रखने वाले आदित्य पहले व्यक्ति हैं. इसके अलावा जानिए किन दिग्गज नेताओं की सियासी साख इस बार के चुनाव में दांव पर है.
देवेन्द्र फडणवीस
महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस नागपुर साउथ वेस्ट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. महाराष्ट्र की सत्ता के शिखर पर पहुंच चुके फडणवीस के सामने सत्ता बरकरार रखने के साथ ही शिखर पर खुद को बनाए रखने की भी चुनौती है. बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन के बावजूद दोनों दलों की तरफ से सीएम 'अपना' होने का दावा किया जा रहा है. फडणवीस ने चुनाव की घोषणा से पहले ही दावा किया था कि वे ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे. महाराष्ट्र की सियासत पर पैनी नजर रखने वाले स्पष्ट देख रहे हैं कि कैसे पिछले पांच साल में विपक्ष की हर रणनीति को धराशायी करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने अपनी सरकार चलाई. इतना ही नहीं टिकट बंटवारे में पार्टी में अपने विरोधियों को भी चित कर दिया. अब वह बीजेपी की तरफ से चेहरा बन चुके हैं.
आदित्य ठाकरे
शिवसेना में 60 साल पुरानी परंपरा टूट गयी है. आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं. आदित्य, मध्य मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से मैदान में हैं. आदित्य ठाकरे, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे और पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के पोते हैं जो इस विधानसभा चुनाव में एक परंपरा खत्म कर रहे हैं. परंपरा ये कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी किसी तरह का चुनाव नही लड़ता. 29 साल के आदित्य ठाकरे का सियासी करियर अबसे 9 साल पहले शुरू हुआ था. साल 2010 की सालाना दशहरा रैली में आदित्य के दादा बाल ठाकरे ने उनके हाथ में तलवार थमाते हुए शिवसेना में उनकी औपचारिक एंट्री करवाई थी. उसके बाद उन्हें पार्टी की युवा इकाई युवा सेना का प्रमुख बना दिया गया. जल्द ही पार्टी से जुड़े अहम मामलों में आदित्य को शामिल किया जाने लगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में आदित्य के कंधे पर प्रचार की जिम्मेदारी भी थी. शिवसेना उन्हें सीएम के चेहरे के तौर पर पेश कर रही हैं.
पंकजा मुंडे
पंकजा मुंडे बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को अब उनकी बेटी पंकजा आगे लेकर चल रही है. 2019 के विधानसभा चुनाव में परली सीट पर उनकी बेटी पंकजा मुंडे और भतीजे धनंजय मुंडे के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा. फडणवीस सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने परली से 2014 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. पंकजा मुंडे ने इस सीट पर अपने चचेरे भाई और एनसीपी नेता को 25,000 मतों के अंतर से मात दी थी.
अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को कांग्रेस ने भोकर सीट से उम्मीदवार बनाया है. चव्हाण के परिवार का महाराष्ट्र की सियासत पर गहरा असर रहा है. उनके पिता शंकर राव चव्हाण न सिर्फ महाराष्ट्र के 2 बार मुख्यमंत्री रहे बल्कि केंद्र में कांग्रेस सरकार में कई बार मंत्री भी रहे. 2019 के चुनाव में, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री को बीजेपी उम्मीदवार बापूसाहेब गोरठेकर टक्कर दे रहै हैं.
अजित पवार
शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अजित पवार साल 1995 से लगातार इस सीट से जीतते आ रहे हैं. बारामती पवार परिवार का मजबूत गढ़ है और वहां पवार परिवार के सदस्य को हराना बहुत मुश्किल है, लेकिन बीजेपी ने इस बार पवार के गढ़ बारामती में ही उन्हें मात देने के लिए मजबूत धनगर नेता गोपी चंद पडलकर को बीजेपी ने शामिल कर लिया था. गोपीचंद पडलकर पिछला लोकसभा चुनाव वंचित बहुजन आघाडी के टिकट पर सांगली लोकसभा सीट से लड़े थे. गोपीचंद ने 300000 से भी ज्यादा वोट हासिल किए थे. इसी से गोपीचंद पडलकर की मजबूत पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है.
रोहित पवार
महाराष्ट्र के अहमदनगर लोकसभा के करजत जामखेड़ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी हमेशा मजबूत रही है. लेकिन बीजेपी को चुनौती देने के लिए इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शरद पवार के पौत्र रोहित पवार को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. रोहित को मौजूदा विधायक और जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे के चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा गया है. अहमदनगर लोकसभा सीट पर प्रभुत्व को लेकर शरद पवार और जिले के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली विखे-पाटिल परिवार के बीच द्वंद्व पहले से चलता आ रहा है. पवार ने तब अहमदनगर लोकसभा सीट को तत्कालीन कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय के लिए छोड़ने से मना कर दिया था जिसके बाद सुजय बीजेपी में शामिल हो गये और यहां से चुनाव जीत गये. बीजेपी स्थानीय बनाम बाहरी के आधार पर रोहित के खिलाफ प्रचार कर रही है.
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