मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बीजेपी-शिवसेना का झगड़ा बढ़ता जा रहा है. न शिवसेना झुकने को तैयार है और न बीजेपी. बीजेपी-शिवसेना मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं. शिवसेना लगातार फिफ्टी-फिफ्टी के फॉर्मूले यानी ढाई साल बीजेपी का सीएम और ढाई साल शिवसेना के सीएम की बात कर रही है. ऐसे में अगर दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनती है तो क्या होगा? जानिए.
ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन शिवसेना को नहीं दिया- फडणवीस
कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ इनकार कर दिया कि शिवसेना से फिफ्टी-फिफ्टी फॉर्मूले की कोई बात हुई थी. उन्होंनो कहा, ‘’ बीजेपी के नेतृत्व में ही अगली सरकार बनेगी. हमने कभी भी ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन शिवसेना को नहीं दिया. न लोकसभा के पहले ये तय किया गया था. हमने कोई फॉर्मूला फिलहाल तय नहीं किया है.’’ फडणवीस के इस बयान के बाद शिवसेना ने बीजेपी के साथ होने वाली बैठक रद्द कर दी.
सरकार बनाने को लेकर तनातनी के बीच आज विधायक दल का नेता चुनने के लिए बीजेपी ने बैठक बुलाई है. औपचारिक रूप से देवेंद्र फडणवीस को आज नेता चुन लिया जाएगा लेकिन सरकार कब बनेगी इसको लेकर सस्पेंस अभी बरकरार है. सवाल ये है कि अगर बीजेपी और शिवसेना में बात नहीं बनती है तो क्या होगा? दोनों पार्टियां उन दलों पर डोरे डाल रही हैं जो उनके खिलाफ चुनाव मैदान में थीं.
शिवसेना लगातार बीजेपी को ये बताने की कोशिश कर रही है कि हमारी बात मान लो नहीं तो हम कांग्रेस-एनसीपी के साथ भी सरकार बना सकते हैं. शिवसेना के इस दबाव के पीछे चुनाव नतीजे का अंक गणित है.
क्या शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की बनेगी सरकार?
इस चुनाव में बीजेपी ने इस बार सबसे ज्यादा 105 सीटें जीती, लेकिन वो बहुमत से काफी दूर है. शिवसेना को 56 सीटें और एनसीपी को 54 सीट मिलीं, जबकि कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं. तीनों की मिलाकर 154 सीटें होती हैं वहीं महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है. हालांकि इस चुनाव में अन्य को 29 सीटें मिली हैं. ऐसे में अगर बीजेपी को अन्य का साथ भी मिल जाता है तो भी वह 134 के आंकड़े तक ही पहुंच पाएगी.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है, ‘’अगर शिवसेना से कोई ठोस प्रस्ताव आता है तो हम अपने साथी दलों से इस पर चर्चा करेंगे. अभी हमें शिवसेना से कोई ठोस प्रस्ताव नहीं मिला है.’’ हालांकि खबर ये भी है कि बीजेपी निर्दलीयों के भी संपर्क में है.
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