(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
2019 में मोदी लहर रोकने के लिए 'महामोर्चा' का प्लान कर रही हैं ममता
चर्चा तो यहां तक है कि गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी मोर्चे के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना को भी ममता बनर्जी के मोर्चे में शामिल करने का प्रयास हो रहा है. हालांकि शिवसेना अभी इससे इनकार करती है.
नई दिल्ली: 2014 के लोकसभा चुनाव में जब पूरे देश में मोदी की लहर थी तो ममता बनर्जी ने बंगाल की धरती पर मोदी के विजय रथ को रोक दिया था. अब वे 2019 के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ महामोर्चा बनाकर विजय रथ रोकने की प्लानिंग कर रही हैं. ममता बनर्जी को भारत की राजनीति में अक्खड़ स्वभाव और कड़क छवि का नेता माना जाता है.
इस मोर्चे में वे दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, तेलंगाना के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु में करुणानिधि, ओडिशा में बीजू पटनायक, झारखंड में हेमंत सोरेन जैसे क्षेत्रीय दलों को शामिल करने की तैयारी कर रही हैं. यानी नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए ममता बनर्जी उत्तर से लेकर दक्षिण तक का मेगा प्लान बना रही हैं. इन 6 राज्यों से लोकसभा की 140 सीटे हैं. दिल्ली, झारखंड छोड़कर बाकी चार राज्यों में बीजेपी कमजोर है. ममता बनर्जी की कोशिश बीजेपी को और ज्यादा कमजोर करने की है.
चर्चा तो यहां तक है कि गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी मोर्चे के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना को भी ममता बनर्जी के मोर्चे में शामिल करने का प्रयास हो रहा है. हालांकि शिवसेना अभी इससे इनकार करती है. असल में ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी की सियासी दुश्मनी इसलिए भी बढ़ती जा रही है क्योंकि पश्चिम बंगाल में बीजेपी मजबूत हो रही है. पश्चिम बंगाल के अगल-बगल के राज्यों में बीजेपी तेजी से बढ़कर सत्ता तक पहुंच चुकी है. बीजेपी ने भी ममता बनर्जी को मात देने का लक्ष्य बना रखा है.
यही वजह है कि बंगाल की शेरनी कही जाने वाली ममता बनर्जी बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजनीति के किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. जानकारों का तो यहां तक मानना है कि नरेंद्र मोदी को दिल्ली की गद्दी पर दोबारा आने से रोकने के लिए ममता बनर्जी एक दिन लेफ्ट से भी हाथ मिला सकती हैं.