कोलकाता: लोकसभा चुनाव में उम्मीद मुताबिक परिणाम नहीं आने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपने नाराज नेताओं से संपर्क साध रही है. टीएमसी को उम्मीद है कि इस फायदा आगामी विधानसभा चुनाव में मिलेगा. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ''हम ऐसा नेताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंच रहे हैं, जो कुछ कारणों से निष्क्रिय हो गए हैं. हम हर किसी को पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं.''


कोलकाता के महापौर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फरहाद हकीम ने रविवार को शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी से मुलाकात की. सोवन पिछले कुछ वक्त से राजनीति से दूर हैं. फरहाद हकीम ने चटर्जी से पार्टी में लौटने और संगठन की जिम्मेदारी देखने को कहा है. हालांकि चटर्जी ने इस बाबत कोई भी वादा नहीं किया है.


तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने नाराज नेताओं से मुलाकात की है और उनसे 'गलतफहमियों' को भूलाकर पार्टी में वापस आने का आग्रह किया है. इसी बीच इस तरह की खबरें मिल रही हैं कि तृणमूल कांग्रेस के कई नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं.


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लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी को 22, बीजेपी को 18 और कांग्रेस को दो सीटें मिली है. वहीं वोट प्रतिशत देखें तो टीएमसी को 43.3 प्रतिशत, बीजेपी को 40.3 प्रतिशत और कांग्रेस को 5.6 प्रतिशत वोट मिले हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 42 सीटों में बीजेपी को मात्र दो सीटें मिली थी. टीएमसी ने 34 और कांग्रेस ने चार सीटों पर सफलता हासिल की थी.