MCD Election 2022: BSP और AIMIM की एमसीडी के लिए क्या है 'मास्टरप्लान', यहां जानिए
Delhi MCD Election 2022 : 100 से अधिक वार्डों में उम्मीदवार खड़ा करने वाली एकमात्र पार्टी है BSP, अधिकांश छोटे खिलाड़ियों ने अपनी संख्या को सिंगल या डबल अंकों तक सीमित कर दिया है. इनमें से एक AIMIM है
MCD Election 2022 : शहर के तीन प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ियों आप, बीजेपी और कांग्रेस के साथ बड़े दांव वाले निकाय चुनावों के लिए आक्रामक रूप से प्रचार करते हुए, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सहित छोटे दलों का एक समूह भी चुनाव में अपनी छाप छोड़ने का लक्ष्य बना रहे हैं.
4 दिसंबर को अपने 132 उम्मीदवारों के साथ, बसपा ने एससीडी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. 2012 के चुनावों में, पार्टी ने तत्कालीन 272 वार्डों पर 253 उम्मीदवार खड़े किए थे और 9.98% वोट शेयर के साथ 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, 2017 के चुनावों में बसपा की संख्या में भारी गिरावट आई, क्योंकि उसके द्वारा मैदान में उतारे गए 209 उम्मीदवारों में से केवल तीन जीते, जबकि वोट शेयर 4.44% तक गिर गया.
इस साल पार्टी की किस्मत बेहतर होगी : BSP
बसपा दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह,'' इस साल पार्टी की किस्मत बेहतर होगी, क्योंकि शहर के पूर्वांचली मतदाताओं के साथ एक मजबूत संबंध है. हमने विकासपुरी और मोती नगर जैसे वार्डों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि, बड़ा उद्देश्य समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना है, क्योंकि हमारा घोषणापत्र और कुछ नहीं बल्कि भारत का संविधान है.''
बता दें कि बीएसपी (BSP), आप(AAP), बीजपी(BJP) और कांग्रेस(Congress) के अलावा 100 से अधिक वार्डों में उम्मीदवार खड़ा करने वाली एकमात्र पार्टी है, अधिकांश छोटे खिलाड़ियों ने अपनी संख्या को सिंगल या डबल अंकों तक सीमित कर दिया है. इनमें से एक एआईएमआईएम है, जो 2017 के चुनावों में सभी आठ वार्डों में हारने के बाद इस साल अपना खाता खोलना चाह रही है.
एआईएमआईएम की दिल्ली इकाई के प्रमुख कलीमुल हफीज ने कहा कि पार्टी के उन 15 वार्डों में से 10 पर जीतने की संभावना है जहां वह चुनाव लड़ रही है. इनमें से अधिकांश वार्ड, जैसे कि बल्लीमारान और ज़ाकिर नगर, में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी है, और उनमें से चार, मुस्तफाबाद सहित, उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्रों का हिस्सा हैं जो फरवरी 2020 के दंगों में प्रभावित हुए थे.
कलीमुल हफीज ने कहा
मैं इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि एएसपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन 2017 के निकाय चुनावों के बाद से दिल्ली में बहुत कुछ बदल गया है, और प्रमुख राजनीतिक दलों ने मुसलमानों और दलितों के खिलाफ अत्याचार पर बोलने से खुद को दूर कर लिया है. हम कई सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, और BJP मुस्लिम बहुसंख्यक वार्डों को जीतने की दौड़ में नहीं है, जहां हम चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, ”.
ये भी पढ़ें : छावला गैंगरेप-मर्डर केस: तीन दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देगी दिल्ली सरकार, LG ने दी मंजूरी