MCD Election 2022: दिल्ली एमसीडी चुनाव के लिए सभी 250 सीटों के लिए 4 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे. कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले इस चुनाव में अपने खोए हुए जनाधार को पाना चाहेगी. इसके लिए कांग्रेस को अपने पुराने औप पारंपरिक वोटर्स से उम्मीद है. दिल्ली में कांग्रेस को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और मुसलमानों का समर्थन मिलता रहा है.
मुश्किल हो सकते हैं चुनाव
कांग्रेस पार्टी ने हर चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिती दर्ज करवाई है. इस बार के एमसीडी चुनाव कांग्रेस के लिए पहले के मुकाबले और भी ज्यादा मुश्किल हो सकते हैं, क्योंकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस गुटबाजी का सामना कर रही है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के अलावा ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं जिससे कांग्रेस के दलित और मुस्लिम वोटों में सेंध लग सकता है.
कांग्रेस की ताकत
- नगर निगम में लगातार चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने अपनी उपस्थिति बनाई हुई है.
- दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा करवाए गए विकास कार्यों को शहर की जनता को याद दिलाया जाए तो यह पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है.
- दिल्ली कांग्रेस की बूथ स्तर पर मजबूत पकड़ है, जिसे एकजुट करके पार्टी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.
कांग्रेस की कमजोरियां
- दिल्ली की राज्य इकाई में गुटबाजी
- दिल्ली राज्य स्तर पर मजबूत नेताओं की कमी
- दिल्ली के राज्य नेताओं (अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित आदि) का निष्क्रिय होना.
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का राहुल गांधी का भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के कारण नगर निगम चुनाव में सक्रीय न होना.
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