Meghalaya Vidhan Sabha Chunav 2023: मेघालय की 60 विधानसभा सीटों में से 59 पर आज (27 फरवरी) वोट डाले जा रहे हैं. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) के उम्मीवादर एचडीआर लिंगदोह के निधन के चलते एक सीट पर मतदान टाल दिया दिया गया है. 


2023 विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां अकेले दांव आजमा रही हैं. सत्ता में रही बीजेपी और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने इस बार चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं किया है. आइए इस चुनाव के नतीजे तय करने वाली बड़ी बातें समझते हैं.


ईसाई बहुल राज्य में बीजेपी की मुश्किल
मेघालय में बीजेपी इस बार सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है लेकिन ईसाई बहुल राज्य में बीजेपी की राह आसान नहीं है. बीजेपी पर ईसाई विरोधी होने के आरोपों को चुनाव में विरोधी पार्टियां हवा देती रही हैं. 


साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड भी एक मुद्दा है. एनपीपी इसका विरोध करती रही है. बीजेपी के लिए मेघालय में बड़ा चैलेंज अकेले चुनाव में उतरना है. पिछली बार बीजेपी को 2 विधानसभा सीट मिली थी लेकिन पार्टी राज्य सरकार का हिस्सा बनी थी.


सीमा विवाद से जुड़ी भावनाएं
असम के साथ मेघालय का सीमा विवाद भी राज्य में गर्म मुद्दा है. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद के चलते हिंसक झड़पें हो चुकी हैं. असम में बीजेपी सरकार है, ऐसे में यहां भी बीजेपी पर इसे हल करने का दबाव रहेगा. 


मेघालय चुनाव में इस बार टीएमसी भी बड़ा फैक्टर बन सकती है. टीएमसी का दावा है कि वह मेघालय में विकल्प बनेगी. पार्टी ने 56 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. नवंबर 2021 में कांग्रेस के मुकुल संगमा समेत 12 विधायकों के टीएमसी में शामिल होने से ममता बनर्जी की पार्टी रातों रात मेघालय की मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई थी. ऐसे में इस बार टीएमसी को राज्य में बड़ी उम्मीद हैं.


टॉप-3 दागी उम्मीदवार
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, मेघालय विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा आपराधिक छवि के उम्मीदवार एनपीपी (11%) ने उतारे हैं. इसके बाद कांग्रेस (8%) और बीजेपी (2%) है. जिन उम्मीदवारों पर सबसे ज्यादा मुकदमे हैं, उनमें बीजेपी के बर्नार्ड एन मराक पहले नंबर पर हैं. बर्नार्ड पर 14 केस दर्ज हैं. इसके बाद कांग्रेस के चैंपियन आर संगमा पर 12 मुकदमे हैं. वहीं, टीएमसी के विसेंट टी संगमा 4 केस के साथ तीसरे नंबर पर हैं.


एनपीपी के सबसे ज्यादा करोड़पति
करोड़पति उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो एनपीपी पहले नंबर पर हैं. पार्टी के 75 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं. कांग्रेस के 42 प्रतिशत जबकि बीजेपी के 38 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं.


146 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ यूडीपी के एम लिंगदोह राज्य में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. कांग्रेस के विंसेंट एच पाला 126 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं. एचएसपीडीपी के ई खरबनी 110 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं.


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