Jammu and Kashmir News: गृह मंत्रालय (MHA) ने जेल में बंद अलगाववादी नेता शब्बीर शाह की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) पर गुरुवार (6 अक्टूबर) को पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेकेडीएफपी के खिलाफ यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत की है. मंत्रालय का कहना है कि यह संगठन "भारत विरोधी" गतिविधियों में लिप्त था.


जेकेडीएफपी घाटी में चौथा अलगाववादी राजनीतिक संगठन है जिस पर केंद्र ने 2018 के बाद से प्रतिबंध लगाया है. महिला अलगाववादी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत (डीईएम) को 2018 में यूएपीए की धारा 35 के तहत "आतंकवादी संगठन" घोषित किया गया था. फरवरी 2019 में भारत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी (जम्मू और कश्मीर) और जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को यूएपीए की धारा 3 के तहत प्रतिबंधित कर दिया था.


कौन है शब्बीर शाह?


शब्बीर शाह ने कम उम्र में ही अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर दी थी. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाले शाह की पहली गिरफ्तारी 14 साल की उम्र में अलगाववादी समर्थक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर हुई थी. 1974 में 21 साल की उम्र में वह जम्मू और कश्मीर पीपुल्स लीग में शामिल हुआ. यह संगठन जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद की बात करने वाला पहला संगठन था. शाह ने 1998 में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग से अलग होने के बाद जेकेडीएफपी का गठन किया था.


ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के गठन में अहम भूमिका


जेकेडीएफपी के गठन के कुछ समय बाद जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद की शुरुआत हुई, जिसने शाह को अलगाववादी राजनीति के केंद्र में ला दिया. शाह को 1989 में गिरफ्तार किया गया था. इससे एक साल पहले वह भूमिगत था. रिहाई के बाद शाह ने अलगाववादी राजनीतिक संगठनों के एक समूह ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) के गठन में अहम भूमिका निभाई. शाह कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत का समर्थक था, ऐसे में जल्द ही उसके हुर्रियत के अन्य सदस्यों के साथ मतभेद हो गए.


1996 में जब हुर्रियत ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत से इंकार कर दिया, तब शाह ने ऐसा नहीं किया. 1996 में शाह वीपी सिंह और अमेरिकी राजदूत फ्रैंक विस्नर से भी मिला. इसके तुरंत बाद हुर्रियत से शाह को निष्कासित कर दिया गया. 2001 में शाह कश्मीर पर केंद्र के पहले वार्ताकार केसी पंत से मिलने वाला एकमात्र अलगाववादी नेता था.


एनआईए ने 2017 में किया था गिरफ्तार


2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कथित आतंकी फंडिंग मामले में शाह को उसके श्रीनगर आवास से गिरफ्तार किया और बाद में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दिया. वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. वर्तमान में जेकेडीएफपी की घाटी में नाम मात्र की उपस्थिति है और उसके पास केवल मुट्ठी भर कार्यकर्ता हैं.


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