नई दिल्ली: उत्तर पूर्व की सात बहनों में से एक मिजोरम की 40 सदस्यों वाली विधानसभा के चुनाव परिणाम के नतीजे तकरीबन साफ हो चुके हैं जहां 10 साल सत्ता पर काबिज रहने वाले कांग्रेस के पी. ललथनहवला चंफाई साउथ और सेरछिप दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं. राज्य में इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और विपक्षी एमएनएफ के बीच था जहां 10 साल तक गद्दी पर राज करने के बाद आखिरकार कांग्रेस को एमएनएफ के हाथों हार का सामना करना पड़ा है.
वहीं ताजा नतीजों के अनुसार बीजेपी जहां पहले अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी तो वहीं अब भी पार्टी 1 सीट पर ही बनी हुई है. बता दें कि 10 साल बाद एक बार फिर MNF राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है. फिलहाल वोटो की गिनती जारी है जहां एमएनएफ 24 सीटों के साथ आगे चल रही है और बहुमत के आंकड़े को पा कर गई है तो वहीं कांग्रेस 6 सीटों पर हैं अन्य 9 और बीजेपी के सिर्फ 2 सीट पर ही है.
बता दें कि 40 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान सम्पन्न हुए. पिछले चुनाव की तुलना में मतदान में गिरावट दर्ज की गई. पिछले चुनाव के 83.4 फीसदी के मुकाबले इस बार 75 फीसदी मतदाताओं ने ही वोट डाला था. यहां कुल 209 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे.
साल 1987 में अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद मिजोरम में यह 8वां विधानसभा चुनाव था और पिछले 10 सालों से कांग्रेस के पी ललथनहवला मुख्यमंत्री हैं. उनसे पहले मिजोरम नेशनल फ्रंट के लीडर पु. जोरमथंगा ने भी 10 सालों तक 1998 से 2008 तक सरकार चलाई थी. ललथनहवला का मिजोरम के सीएम के तौर पर लंबा अनुभव रहा है. इससे पहले भी वह 1989 से 1998 तक प्रदेश के सीएम रहे थे. इस तरह से बीते 30 वर्षों में मिजोरम में ललथनहवला और पु. जोरमथंगा ही मुख्यमंत्री रहे हैं.