MLA Salary: कितनी होती है विधायकों की सैलरी और क्या मिलती हैं सुविधाएं, जानिए क्या है काम
MLA Salary in India: किसी भी राज्य में विधायक की सैलरी आमतौर पर अलग-अलग ही होती है. सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना के विधायकों को मिलती है, जबकि सबसे कम वेतन त्रिपुरा के मुख्यमंत्री की है.
MLA Salary and his Power: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद वहां नई सरकार का गठन हो चुका है. नए मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम मंत्रियों ने अपना कामकाज संभाल लिया है. इसके साथ ही वहां के सभी विधायकों ने भी कामकाज संभाल लिया है. इन सबके बीच कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर एक विधायक की सैलरी कितनी होती है, उसे क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं और वह कौन-कौन से काम करा सकता है.
वैसे तो किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री सबसे पावरफुल होता है, लेकिन सैलरी और अन्य सुविधाओं के मामले में विधायक भी उससे पीछे नहीं रहते. यहां हम आपको विस्तार से बताएंगे विधायकों को मिलने वाली हर सुविधाओं के बारे में साथ ही बताएंगे कि आप उनके क्या-क्या काम करा सकते हैं.
कितनी होती है सैलरी
विधायकों को हर महीने एक निश्चित वेतन मिलता है. हालांकि हर राज्य के विधायक का वेतन अलग-अलग होता है. तेलंगाना की बात करें तो यहां के विधायक देश में सबसे अधिक वेतन पाते हैं. यहां एक एमएलए की सैलरी वैसे तो महज 20 हजार रुपये ही है, लेकिन निर्वाचन भत्ते के तौर पर यहां के एक विधायक को करीब 2,30,000 रुपये मिलते हैं. मध्य प्रदेश विधायकों की सैलरी के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां विधायकों का मासिक वेतन करीब 2.10 लाख रुपये है. यहां के विधायक की सैलरी 30 हजार रुपये है, जबकि निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये है. इसके अलावा अन्य भत्तों में चिकित्सा, कंप्यूटर ऑपरेटर व यात्रा भत्ता भी शामिल है. इस तरह यहां के एक विधायक को महीने में कुल 2.10 लाख रुपये सैलरी मिलती है.
छत्तीसगढ़ में विधायक की बेसिक सैलरी 20 हजार रुपये महीने है. इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, टेलीफोन भत्ता, अर्दली भत्ता, दैनिक भत्ता और चिकित्सकीय भत्ते मिलाकर उसे महीने के कुल 1.10 लाख रुपये तक मिलते हैं. राजस्थान में विधायक की सैलरी हर महीने करीब 1.25 लाख रुपये है. इसमें उसे 40 हजार रुपये बेसिक सैलरी मिलती है. इसके अलावा अन्य भत्तों में निर्वाचन क्षेत्रभत्ता ,दैनिक भत्ता, टेलिफोन भत्ता, रेल और सड़क यातायात में सुविधाएं, चिकित्सा सुविधाएं भी शामिल हैं. सबसे कम सैलरी की बात करें तो, त्रिपुरा के विधायकों को महीने में सिर्फ 34 हजार रुपये ही मिलते हैं.
मिलती हैं ये सुविधाएं
एक विधायक को सैलरी के अलावा कई तरह के भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं. विधायक को अपने विधानसभा क्षेत्र में लोककल्याण कार्यों पर खर्च करने के लिए अलग से एमएलए फंड मिलता है. विधायक को अपने राज्य की राजधानी में रहने के लिए आवास, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता, रेल और राज्य सरकारी बस की यात्रा में विशेष सुविधा और प्राथमिकता, वाहन भत्ता आदि मिलता है. इसके अलावा उसे निजी सचिव या उसका खर्च व मेडिकल फैसिलिटी भी मिलती है.
क्या हैं विधायक के कार्य
विधायक का मुख्य कार्य़ सदन में नए कानून की योजना बनाना और उन्हें लागू कराना. अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में वहां विकास कार्य़ कराना, सभी सम्याओं कोदूर कराना. अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक ऑफिस खोलकर लोगों की समस्याएं सुनना. इसके अलावा विधायक अलग-अलग समितियों के सदस्य के रूप में भी काम करते हैं.
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