नई दिल्ली: मोदी सरकार ने बजट में की गई घोषणा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को जमीन पर उतारने का काम जोर शोर से शुरू कर दिया है. इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर राज्यों से जल्द पूरा ब्यौरा मांगा गया है. सरकार अप्रैल के महीने तक किसानों के बैंक खाते में दो किश्त भेजने की योजना बना रही है. इसमें से एक किश्त अप्रैल के महीने में ही भेजे जाने का इरादा है ताकि इसका फायदा चुनाव में भी उठाया जा सके. सरकार का दावा है कि चुनावों के दौरान खाते में पैसा भेजना अचार संहिता के खिलाफ नहीं होगा.


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में 3 किश्तों में 2-2 हज़ार रुपए किसानों के खाते में भेजे जाएंगे. योजना 1 दिसम्बर 2018 से लागू की गई है. इसका मतलब चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए देश भर के किसान एक किश्त के हकदार हैं. सरकार चाहती है कि 31 मार्च को चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले एक किश्त किसानों के खाते में भेज दिया जाए. जाहिर है 1 अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्तीय वर्ष 2019 - 20 में देश भर के किसान एक बार फिर दो किश्तों के हकदार हो जाएंगे.


इसका मतलब हुआ कि सरकार को पहली किश्त अप्रैल से जुलाई के बीच किसी समय किसानों के खाते में भेजनी होगी. मोदी सरकार चाहती है कि इसके लिए जून या जुलाई तक इंतज़ार नहीं किया जाए. इसलिए अप्रैल में ही किसानों के खाते में 2000 रुपए की पहली किश्त भेज दी जाए. सरकार का मानना है कि ऐसा करके किसानों के खाते में 2 महीने में दो बार 2-2 हज़ार रुपए की दो किश्त यानि 4000 रुपए भेज दी जाए.


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माना जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह से लोकसभा चुनाव का मतदान शुरू हो जाएगा. लिहाजा चुनावों में इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. वैसे तो उस वक़्त चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी लेकिन सरकार का दावा है कि अगर कोई योजना पहले से ही लागू हो तो उसपर आचार संहिता लागू नहीं होती है.


आपको बता दें कि विपक्ष किसानों के लिए शुरू की गई योजना को धोखा करार दिया है. कांग्रेस का कहना है, ''मोदी सरकार ने किसानों को 6000 रुपये सलाना देने के नाम पर एक और धोखा दिया है 6000 रुपये सालाना, यानी 500 रुपये महीना, अर्थात 17 रुपये रोजाना, यदि परिवार में 5- 6 व्यक्ति हैं तो प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति तीन रुपये से भी कम.''


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