नई दिल्ली: एक फरवरी को देश का आम बजट पेश होना है. बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से सहयोग करने की अपील की है. लेकिन कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जल्दबाजी में बजट पेश करने का आऱोप लगा दिया है. ऐसे में बजट सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार बजट को केवल चुनाव के नजरिए से देख रही है.


जल्द चुनाव कराना चाहती है मोदी सरकार- कांग्रेस

बजट सत्र शुरू होने से पहले आज सुबह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'एक दिन प्रेजिडेंट का संबोधन होगा और एक दिन बजट पेश होगा. इसके अलावा दो दिन गैर-आधिकारिक बिलों पर चर्चा होगी. चार दिनों में कैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है?’’ उन्होंने कहा, ‘’यह सिर्फ छलावा लग रहा है. ऐसा लग रहा है कि सरकार सिर्फ जैसे-तैसे यह काम पूरा करना चाहती है और चुनाव के लिए जाना चाहती है.’’

राष्ट्रपति का अभिभाषण: एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराने पर बने सहमति

खड़गे ने आगे कहा, ‘’आखिरी समय में बिल रखे जा रहे हैं. इस तरह की व्यवस्था सदन के आंतरिक लोकतांत्रिक माहौल को खत्म कर सकती है.’’



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राष्ट्रपति ने भी एक साथ चुनाव कराने पर जोर दिया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी आज अपने अभिभाषण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने पर जोर दिया है. रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘’गवर्नेंस के प्रति सजग लोगों में, देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव से, पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर चिंता है. बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ तो बढ़ता ही है, आचार संहिता लागू होने से देश की विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है. इसलिए एक साथ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए.’’

इस साल कहां-कहां है विधानसभा के चुनाव

बता दें कि इस साल छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान,मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों में से तीन बड़े राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी की सरकार है. ऐसे में सरकार चाहेगी कि इन तीन तीन राज्यों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करा लिया जाए. खुद पीएम मोदी भी एक साथ चुनाव कराने की वकालत कर चुके हैं.