दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान आखिरी दौर में हैं. प्रचार अभियान के आखिरी दौर में बीजेपी की कमान खुद पीएम मोदी ने अपने हाथ में संभाल ली है. मंगलवार को इस चुनाव में अपनी पहली रैली करते हुए पीएम मोदी ने पूर्वांचली वोटर्स को लुभाने के लिए उनसे कनेक्ट होने की कोशिश की. मोदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक पुराने बयान के जरिए उन्हें इस मुद्दे पर घेरा भी.


नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुन रहा था. वे कह रहे थे कि पटना से आने वाली बसों को दिल्ली में आने से मना कर दिया गया है. बिहार के लोगों के लिए, पूर्वांचल के लोगों के लिए ये कैसा पूर्वाग्रह है, जो इस तरह के फैसले करवाता है. यही वो लोग हैं, जो कहते हैं कि पूर्वांचल से पांच सौ रुपये का टिकट लेकर बिहारी आता है और लाखों का इलाज कराकर चला जाता है. पूर्वांचल के लोगों के प्रति, बिहार के लोगों के प्रति इनकी यही सोच है."


मोदी ने कहा कि संसार भर में भारत का सामथ्र्य बढ़ाने में बिहार के लोगों की बहुत बड़ी भूमिका रही है. दिल्ली हो या देश का कोई कोना, हर क्षेत्र में बिहार के लोग सर्वोत्तम करते दिखेंगे मगर उनसे भी ऐसी नफरत, बिहार और पूर्वाचल के लोगों के साथ ऐसी दुर्भावना?


20 सीटों पर है प्रभाव


दिल्ली विधानसभा चुनाव में 15 से 20 सीटें ऐसी हैं जिनपर पूर्वांचली वोटर्स की अच्छी खासी तादाद है. पूर्वांचली वोटर्स को देखते हुए ही बीजेपी ने बिहार से संबंध रखने वाले मनोज तिवारी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना रखा है. इतना ही नहीं 2015 के चुनाव में आम आदमी पार्टी के 12 ऐसे विधायक चुने गए थे जिनका संबंध बिहार और यूपी से था.


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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है, जबकि नतीजों का एलान 11 फरवरी को होगा.