Uttar Pradesh Bypolls: उत्तर प्रदेश में होने वाले नौ विधानसभा उपचुनावों में मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर रोचक सियासी हलचल देखने को मिल रही है. यहां लंबे समय से समाजवादी पार्टी (सपा) का प्रभाव रहा है, लेकिन इस बार समीकरण बदलते दिख रहे हैं. शेख जादा समुदाय ने इस बार अपने समर्थन को लेकर सपा से नाराजगी जाहिर की है और बीजेपी के प्रति रुझान बढ़ाया है. ये समुदाय मुस्लिम मतदाताओं का बड़ा हिस्सा है. ऐसे में अखिलेश यादव के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती बन गया है.
कुंदरकी विधानसभा सीट पर पिछले चुनावों में सपा को मजबूत समर्थन मिला था, लेकिन इस बार विकास की कमी को लेकर स्थानीय मुस्लिम मतदाताओं में असंतोष है. टीवी 9 को दिए इंटरव्यू में एक मतदाता ने कहा, "सपा ने हमें कोई विकास नहीं दिया है. हमारे क्षेत्र की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, इसलिए इस बार हम बीजेपी को समर्थन देने का मन बना रहे हैं." लोगों का मानना है कि स्थानीय नेता ठाकुर रामवीर सिंह उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझते हैं और उन्हें हल करने में रुचि दिखा सकते हैं.
शेख जादा और तुर्क बिरादरी के बीच चुनावी ध्रुवीकरण
कुंदरकी में शेख जादा और तुर्क समुदाय के बीच राजनीतिक ध्रुवीकरण की स्थिति बन रही है. कई शेख जादा समुदाय के लोगों का कहना है कि वे सालों से तुर्क बिरादरी के प्रतिनिधियों को समर्थन देते आए हैं, लेकिन इस बार वे अपने करीबी नेता को जिताने की सोच रहे हैं, जो उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देगा. एक स्थानीय नागरिक का कहना है, "हमने लगातार एक ही पार्टी का समर्थन किया है, लेकिन अब बदलाव का वक्त है. हम अपने क्षेत्रीय नेता को मौका देना चाहते हैं."
अखिलेश यादव के लिए चुनौती
कुंदरकी उपचुनाव में शेख जादा समुदाय की ओर से बढ़ती नाराजगी अखिलेश यादव के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. सपा को उम्मीद है कि अपने पुराने वोट बैंक के आधार पर वह यह सीट जीतने में कामयाब होगी, लेकिन मतदाताओं की बदलती मानसिकता और बीजेपी की ओर रुझान इस बार समीकरणों को बदल सकता है.
एक अन्य मतदाता ने कहा, "हम अखिलेश जी से नाराज नहीं हैं, लेकिन हमें लगता है कि अब हमें बदलाव के साथ जाना चाहिए." कुंदरकी उपचुनाव का नतीजा यह तय करेगा कि सपा अपनी परंपरागत पकड़ बरकरार रख पाएगी या बीजेपी इस बार मुस्लिम समुदाय के मतों के सहारे यह सीट जीतने में कामयाब होगी.