MOTN Survey: कुछ महीने पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ग्राफ थोड़ा नीचे आया है. वहीं, कांग्रेस ने अपनी लोकप्रियता में इजाफा किया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा की जा चुकी है, ऐसे में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों को कितना फायदा और नुकसान होगा इसको लेकर सर्वे सामने आया है. इसमें कई मुद्दे ऐसे सामने आए हैं जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं.


आजतक और सी वोटर ने मिलकर देश का मिजाज नाम से एक सर्वे किया है. सी वोटर के डायरेक्टर यशवंत देशमुख ने कहा कि कांग्रेस के वोट शेयर में इजाफा हुआ है और विधानसभा चुनाव में इसका ग्राफ बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. वहीं बीजेपी को झटका लग सकता है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी की लोकप्रियता में भी इजाफा हुआ है और अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी जैसे नेताओं की पॉपुलरिटी गिरी है जिसका फायदा भी राहुल गांधी को हुआ है.


यशवंत देशमुख के मुताबिक, सर्वे के 5 नए ट्रेंड्स


1- मूड ऑफ दि नेशन सर्वे के पिछले एडिशन के मुकाबले कांग्रेस के वोट शेयर में छह फीसदी का इजाफा हुआ है. वह रिवाइवल की ओर बढ़ रही है. जहां चुनाव होने हैं, वहां से इतर ग्राफ बढ़ने के आसार हैं.


2- चुनावी राज्यों में 3 जगह कांग्रेस और उसके सहयोगियों की सरकार बनने का संभावना है. झारखंड में ही अभी के आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी को अच्छी खबर मिल सकती है.


3- राहुल गांधी के नंबर्स में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है. पॉपुलैरिटी के मामले में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल की रेटिंग गिरी और इसका लाभ राहुल को मिला. अब वो विपक्ष की राजनीति के एकमात्र ध्रुव बन गए हैं.


4- आर्थिक मुद्दे प्रखर रूप से सामने आए हैं, जो बीजेपी के परेशानी पैदा कर सकते हैं. फिर वो चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो या महंगाई का. इकनॉमिक डिस्ट्रेस नंबर-1 प्रॉयरिटी पर है.


5- पब्लिक परसेप्शन दिल और दिमाग की लड़ाई का होता है और राजनीतिक मुद्दों में भी दिल और दिमाग की लड़ाई होती है. भावनात्मक मुद्दे (पुलवामा) आते हैं, वे दिल के मुद्दे हो जाते हैं. दिमाग के इशु (महंगाई, गरीबी आदि) तब पीछे चले जाते हैं. आज की तारीख में इमोटिव मुद्दे (जज्बात से जुड़े) नहीं आ रहे.


यशवंत देशमुख ने उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस समय पुलवामा हुआ था तो आर्थिक मुद्दे पीछे चले गए थे और भावनात्मक मुद्दा सामने आया था. इस समय इस तरह का मुद्दा कोई सामने नहीं आ रहा है तो इस तरह से बीजेपी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.   


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