MOTN Survey: I.N.D.I.A. के आगे नहीं टिक पाएगा BJP का विजय रथ? 3 राज्यों और 1 UT पर चौंका रहा सर्वे
INDIA Alliance VS NDA: सर्वे के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी का ग्राफ नीचे आया है और जिन राज्यो में चुनाव होने वाले हैं वहां पर सत्ताधारी दल के सामने चुनौती है.
MOTN Survey: इस साल के आखिरी तक कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसमें से जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावों की घोषणा इलेक्शन कमीशन कर चुका है, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव का ऐलान होना अभी बाकी है. इससे पहले एक सर्वे सामने आया है जिसमें अनुमान लगाया कि किस राज्य में किस पार्टी की सरकार बन सकती है.
न्यूज चैनल आजतक ने देश का मिजाज नाम से एक सर्वे किया है, जिसमें बताया गया कि हरियाणा में बीजेपी को झटका लग सकता है. सर्वे के मुताबिक, हरियाणा में सरकार के कामकाज से 44 प्रतिशत लोग नाखुश हैं. सिर्फ 27 प्रतिशत लोग सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं और 25 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
हरियाणा में कौन से मुद्दे हावी?
सर्वे की अगर मानें तो हरियाणा के अंदर बेरोजगारी का मुद्दा अपने चरम पर है. 45 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राज्य में बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं किया गया और इसको लेकर वो सरकार से असंतुष्ट हैं, जबकि 13 प्रतिशत लोग विकास को मद्दा बता रहे हैं. इसके अलावा कानून व्यवस्था और किसान के मुद्दे का प्रतिशत 3 और 2 है.
जम्मू-कश्मीर को लेकर क्या है जनता की राय
इसी तरह जम्मू-कश्मीर में भी बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा उभर कर सामने आया है. 47 प्रतिशत लोग इसे सबसे बड़ा मुद्दा मान रहे हैं. 17 प्रतिशत लोगों के लिए महंगाई, 11 प्रतिशत लोग विकास और 4 प्रतिशत लोगों के लिए भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है. कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे 1-1 प्रतिशत लोग मानते हैं. सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार का कहन है कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बेरोजगारी होगा.
महाराष्ट्र में जनता का क्या है मूड?
महाराष्ट्र की अगर बात की जाए तो अगर आज विधानसभा चुनाव हुए तो इस सर्वे के मुताबिक, सरकार के कामकाज से 34 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं और इतने ही प्रतिशत यानि 34 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं. वहीं 25 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो सरकार के कामकाज से बिल्कुल संतुष्ट बताए गए. हरियाणा की स्थिति पर गौर करें तो इस राज्य में तस्वीर थोड़ी बदली नजर आ रही है. हालांकि महाराष्ट्र में भी बीजेपी के लिए आसान राह नहीं है.
सीएम के कामकाज की बात करें तो 35 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे के कामकाज से संतुष्ट हैं. 31 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं और असंतुष्ट लोगों का प्रतिशत 28 है. विधायकों के प्रदर्शन से 41 प्रतिशत जनता संतुष्ट है 27 प्रतिशत असंतुष्ट है. 26 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कुछ हद तक संतुष्ट हैं. महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का ही है. 32 प्रतिशत लोग बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं और 15 प्रतिशत लोग महंगाई को और इतने फीसदी विकास को. भ्रष्टाचार का मद्दा मानने वाले 4 प्रतिशत लोग हैं.
झारखंड का क्या है हाल?
सर्वे के मुताबिक, झारखंड की जनता सरकार के कामकाज से असंतुष्ट है. हेमंत सोरेन सरकार से 37 प्रतिशत लोग असंतुष्ट हैं तो 34 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कुछ हद तक संतुष्ट हैं वहीं, 27 प्रतिशत लोग राज्य सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं. सीएम सोरेन के प्रदर्शन की बात की जाए तो यहां भी असंतुष्टों की संख्या ज्यादै है. 35 प्रतिशत लोग हेमंत सोरेन के काम से असंतुष्ट हैं. 25 प्रतिशत लोग संतुष्ट तो 30 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं जो कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
वहीं, विपक्ष की भूमिका की अगर बात करें तो बीजेपी के कामकाज को लेकर भी जनता में उत्साह नहीं है. 14 प्रतिशत लोग विपक्ष से संतुष्ट हैं और 30 प्रतिशत लोग इससे असंतुष्ट हैं. 17 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कुछ हद तक विपक्ष को लेकर संतुष्ट हैं. विधायको के प्रदर्शन से भी राज्य की जनता असंतुष्ट है. 35 प्रतिशत असतुष्ट तो 28 प्रतिशत संतुष्ट और 31 प्रतिशत कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
झारखंड में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का ही है. 44 प्रतिशत लोग इसे सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं. महंगाई को 15 प्रतिशत, विकास को 14 प्रतिशत और भष्टाचार को 4 प्रतिशत लोग मुद्दा मान रहे हैं.
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