मामा बनकर राज करने वाले शिवराज कौन सी जाति से आते हैं, कितनी सीटों पर रखते हैं दबदबा, जानें
शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से लोकसभा सांसद रह चुके हैं और इस क्षेत्र की 5 में से 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का दबदबा है. वहीं, सीहोर की 4 सीटों पर भी बीजेपी का कब्जा है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को मैदान में उतारकर भारतीय जनता पार्टी ने मुकाबला कड़ा कर दिया है. पार्टी अभी तक दो लिस्ट जारी कर 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है, जिनमें से सात सांसद हैं. अब तीसरी लिस्ट की चर्चा है और साथ ही इस बात की भी चर्चा है कि पार्टी और भी सांसदों को विधायकी का टिकट दे सकती है. तीसरी लिस्ट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल किए जाने की भी संभावना है. हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम की अभी तक किसी लिस्ट में घोषणा नहीं हुई है.
पार्टी ने अभी तक मुख्यमंत्री के चेहरे का भी ऐलान नहीं किया है, लेकिन मैदान में कई उम्मीदवार उतार दिए हैं. अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की भी चर्चा है और उन्हें भी सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के नाम पर बीजेपी की चुप्पी ने सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो पार्टी कई सालों से शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनाव जीतती रही है. वह सीहोर जिले की बुधनी सीट से विधायक हैं. एक बार पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालते हैं और जानते हैं कि मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी को कितना फायदा पहुंचाया है.
शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाली सीटें और उनका समीकरण
सीहोर जिले में बुधनी, आष्टा, इछावर और सीहोर कुल 4 विधानसभा सीटें हैं. सिहोर जिले की चारों सीटों पर बीजेपी का दबदबा है, उसने 2018 के चुनाव में सभी सीटें जीती थीं. बुधनी से शिवराज सिंह चौहान 1,23,492 वोटों से जीते थे उन्हें 60.25 फीसदी वोट मिले. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 31.47 फीसदी यानी 64,493 वोट मिले थे. आष्टा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रघुनाथ सिंह मालवीय को 92,292 और कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल सिंह इंजीनियर को 86,248 वोट मिले थे. इछावर सीट से बीजेपी के उम्मीदवार करण सिंह वर्मा ने 87,134 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार शैलेन्द्र पटेल को 71,173 वोट ही मिले. सीहोर सीट पर बीजेपी ने सुदेश राय को टिकट दिया था. उन्होंने 60,117 वोट के साथ कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र सिंह ठाकुर को हराया था.
विदिशा से लोकसभा सांसद रह चुके हैं शिवराज
शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं और इस क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 4 बीजेपी के पास हैं. सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में विदिशा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शशांक श्रीकृष्ण भार्गव ने 80,332 वोट के साथ बीजेपी उम्मीदवार मुकेश टंडन को हरा दिया था. वहीं, बसौदा से बीजेपी उम्मीदवार लीना संजय जैन टप्पू ने 73,520 वोटों से कांग्रेस के कैंडिडेट निशंक कुमार जैन को हरा दिया था. कुरवाई सीट पर बीजेपी ने हरि सिंह सप्रे को उतारा था और उन्होंने 80,264 वोटों से चुनाव जीता और कांग्रेस उम्मीदवार सुभाष बोहत को करारी शिकस्त दी. सिरोंज के बीजेपी कैंडिडेट उमाकांत शर्मा को 83,617 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मसर्रत शाहिद को सिर्फ 48,883 वोट मिले थे. वहीं, शमशाबाद विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार राजश्री- रुद्र प्रताप सिंह को 62,607 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार ज्योत्सना यादव को 55,267 वोट मिले.
सीएम शिवराज का किन जातियों पर प्रभाव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओबीसी समुदाय की किराड़ जाति से आते हैं. राज्य में 90 से अधिक जातियों को ओबीसी माना जाता है और लगभग 50 फीसदी आबादी ओबीसी श्रेणी में आती है. शिवराज सिंह चौहान को महिलाओं का भी वोट मिलता है वह महिला वोटर्स के बीच काफी मशहूर हैं. उन्हें प्यार से 'मामा' बुलाया जाता है. मध्य प्रदेश में 2.62 करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता हैं.
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