चार राज्यों में बीजेपी ने विधायकी के लिए उतारे 21 सांसद, सिर्फ 12 जीते, विजयी MP देंगे 14 दिन में इस्तीफा
मध्य प्रदेश में 2, राजस्थान में 3, छत्तीसगढ़ में 1 और तेलंगाना में बीजेपी के तीन सांसदों को हार का सामना करना पड़ा है. तेलंगाना में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि यहां उतारे गए तीनों सांसद हार गए.
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 21 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिनमें से 12 को जीत मिली है. नतीजे आने के बाद उन्हें एक सदन की सदस्यता छोड़नी होगी वरना 14 दिनों के अंदर उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो जाएगी. हालांकि, हारे हुए सांसदों की सदस्यता बनी रहेगी.
संविधान कहता है कि अगर कोई सांसद विधायकी का चुनाव लड़ता है और जीत जाता है तो उन्हें नोटिफिकेशन आने के 14 दिनों के अंदर एक सदन की सदस्यता छोड़नी होती है. बीजेपी ने राजस्थान में 7, मध्य प्रदेश में 7, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में तीन सांसदों को उतारा था. तेलंगाना के तीनों ही सांसद हार गए जबकि राजस्थान में तीन, एमपी में 2 और छत्तीसगढ़ में एक सांसद को हार का सामना करना पड़ा है. अब सांसदों को 14 दिनों के अंदर एक सदन से इस्तीफा देना होगा.
क्या कहता है संविधान
संविधान के अनुच्छेद 101(2) के मुताबिक, अगर कोई सांसद विधायकी का चुनाव लड़कर जीत जाता है तो उसको नोटिफकेशन जारी होने के बाद 14 दिनों के अंदर एक सदन से इस्तीफा देना होता है. वहीं, अगर कोई विधायक सांसदी के लिए चुनाव लड़ता है तो उसको भी 14 दिनों के अंदर एक सदन से इस्तीफा देना होता है. ऐसा नहीं करने पर लोकसभा की सदस्यता चली जाती है. वहीं, लोकसभा की सदस्यता के साथ कोई सांसद विधायकी के लिए शपथ ग्रहण नहीं कर सकता. इसके लिए उसे स्पीकर को सूचित करना होता है. अगर वह लोकसभा की सदस्यता नहीं छोड़ता है तो 14 दिनों के अंदर उसकी संसद की सदस्यता चली जाती है.
छोड़ी हुई सीट पर होगा उपचुनाव
जीते हुए सांसद जो भी सीट छोड़ेंगे उस पर 6 महीने के अंदर दोबारा चुनाव करवाया जाएगा. अगर कोई सांसद विधायकी छोड़ता है और लोकसभा की सदस्यता बरकरार रखता है तो विधानसभा सीट पर 6 महीने बाद उपचुनाव करवाया जाता है. इसी तरह लोकसभा की सीट छोड़ने पर उस पर उपचुनाव होता है. 1996 में रिप्रेजेंटेटिव ऑफ पीपुल्स एक्ट में संशोधन किया गया था और इसकी 151ए धारा के मुताबिक, खाली हुई सीट पर 6 महीने के अंदर दोबारा चुनाव करवाने का प्रावधान है. हालांकि, अब अगर सांसद लोकसभा सीट छोड़ते हैं तो उपचुनाव की गुंजाइश नहीं है क्योंकि अगले साल मार्च-अप्रैल में लोकसभा चुनाव होने हैं.
राजस्थान में हारे बीजेपी के कितने सांसद
- दीया कुमारी- विद्याधर नगर, जीतीं
- भागीरथ चौधरी- किशनगढ़, हारे
- किरोड़ी लाल मीणा- सवाई माधौपुर, जीते
- देवी पटेल- संचोर, हारे
- नरेंद्र कुमार- मंडावा, हारे
- राज्यवर्धन राठौड़- झोटवारा, जीते
- बाबा बालकनाथ- तिजारा, जीते
छत्तीसगढ़ में हारे बीजेपी के कितने सांसद
- रेणुका सिंह- भरतपुर- सोनहत, जीतीं
- गोमती साय- पत्थलगांव, जीतीं
- अरुण साव- लोरमी, जीते
- विजय बघेल- पाटन, हारे
मध्य प्रदेश में हारे बीजेपी के कितने सांसद
- नरेंद्र सिंह तोमर- दिमनी, जीते
- प्रह्लाद पटेल- नरसिंहपुर, जीते
- फग्गन सिंह कुलस्ते- निवास, हारे
- राकेश सिंह- जबलपुर पश्चिम, जीते
- गणेश सिंह- सतना, हारे
- रीति पाठक- सीधी, जीतीं
- उदय प्रताप सिंह- गदवारा, जीते
तेलंगाना में हारे बीजेपी के कितने सांसद
- बंदी संजय कुमार- करीमनगर से हारे
- धर्मपुरी अरविंद- कोराल्ला से हारे
- सोयम बाबू- बोथ से हारे
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