MP Assembly Elections 2023 News: मध्य प्रदेश में बालाघाट के पोस्टल बैलट कांड में भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बालाघाट के एसडीएम और उप जिला निर्वाचन अधिकारी गोपाल सोनी को सस्पेंड कर दिया गया है. कलेक्टर डॉ गिरीश मिश्रा ने गोपाल सोनी का निर्वाचन कार्य से जुड़ा प्रभार डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को सौंप दिया है. कांग्रेस ने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बीजेपी उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है.
यहां बता दें कि मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति में दो दिन से सरगर्म बालाघाट पोस्टल बैलेट कांड में कांग्रेस की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग एक्शन मोड में आ गया है. भारत निर्वाचन आयोग ने आज बुधवार (29 नवंबर) को जबलपुर के संभागीय आयुक्त अभय वर्मा को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए.
निलंबन आदेश पर कलेक्टर ने क्या कहा?
कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा द्वारा जारी शासकीय पत्र में कहा गया है कि कमिश्नर, जबलपुर संभाग के आदेश के अनुसार गोपाल कुमार सोनी, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), बालाघाट एवं रिटर्निंग आफिसर (विधान सभा क्षेत्र कमांक-111 बालाघाट) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. इसलिए उक्त आदेश के फलस्वरूप प्रशासनिक कार्य व्यवस्था की दृष्टि से कार्यालयीन कार्य विभाजन आदेश में आंशिक संशोधन करते हुये राहुल नायक, डिप्टी कलेक्टर, बालाघाट को अपने कार्य के साथ-साथ अनुविभागीय अधिकारी (बालाघाट) का सम्पूर्ण प्रभार आगामी आदेश पर्यन्त अस्थाई रूप से सौंपा जाता है. यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा.
बालाघाट पोस्टल बैलट कांड का वीडिया वायरल
दरअसल, सोमवार (27 नवंबर) को बालाघाट के तहसील कार्यालय स्थित अस्थाई स्ट्रांग रूम में डाकमत पत्र के बंडल बनाने का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में कलेक्टर डॉक्टर गिरीश मिश्रा ने प्रक्रियागत गलती स्वीकार करते हुए मंगलवार (28 नवंबर) को तहसीलदार और डाक मतपत्र प्रभारी हिम्मत सिंह को सस्पेंड कर दिया था.
जिला निर्वाचन अधिकारी ने मानी प्रक्रियात्मक चूक
मध्य प्रदेश में बालाघाट पोस्टल बैलेट से जुड़ा मामला दो दिन से थमने का नाम नहीं ले रहा था. कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत मंगलवार को दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग से की है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जहां इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन को निशाने पर लिया, वही पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इसे गंभीर कदाचरण माना है.
इसी बीच बालाघाट के कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉक्टर गिरीश मिश्रा ने भी प्रक्रियात्मक चूक की बात स्वीकार की. उन्होंने माना कि स्ट्रांग रूम समय से पहले खोला गया और उनकी जानकारी के बिना डाक मत पत्रों का बंडल बनाया जा रहा था. नियमानुसार 2 दिसंबर को डाक मत पत्रों का बंडल बनाया जाना सुनिश्चित था.
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