Lok Sabha Election 2024 Game Plan: लोकसभा चुनाव 2024 में अब एक साल से भी कम का समय बचा है, ऐसे में एक तरफ जहां सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुट हो कर कुल 26 दलों की एक गठबंधन बनाया है तो वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने भी आगामी आम चुनाव में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर 18 जुलाई को संकल्प लिया. 


अगले साल होने वाले आम चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपना गेम प्लान तैयार कर लिया है. आइए जानते हैं लोकसभा चुनाव 2024 का गेम प्लान कैसा होगा. 


चुनावी राज्य गेम प्लान में सबसे पहले
बीजेपी के गेम प्लान का हिस्सा केवल महाराष्ट्र ही नही है, बल्कि इसमें बिहार, राजस्थान और शुरुआत में वो सभी राज्य शामिल हैं जहां लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा का चुनाव होना है. बीजेपी यूपी और हरियाणा में अपनी एक दशक की परंपरा को बचाने के साथ तमिलनाडु, झारखंड में सत्तारूढ़ दल को चुनौती देने का प्लान बना रही है. वहीं कांग्रेस ने भी हाल के दिनों में दो राज्य कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में जीत दर्ज कर सत्ता हासिल की है, जहां वह बीजेपी को कड़ी चुनौती के साथ टक्कर देने के लिए तैयार है. 


उत्तर प्रदेश की 80 तो महाराष्ट्र के 48 सीटों का सवाल
उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ बीजेपी यू तो दो बार से यहां की जनता का दिल जीतने में कामयाब हुई है. हालांकि इस बार राज्य की क्षेत्रीय पार्टी सपा, कांग्रेस की गठजोड़ उन्हें परेशान कर सकती है. साथ ही विपक्षी एकता की पहल अगर आगामी लोकसभा चुनाव तक रहती है तो बीजेपी के चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकती है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बाद उद्धव ठाकरे और एनसीपी की अगुआई वाले गुट के साथ कांग्रेस की एमवीए गठबंधन को राज्य से सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद है.


वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश में जो सीटें 2019 में हारी थी उन सीटों को जीतना चाहेगी. राज्य की राजनीति में क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर चलने से फायदा हो सकता है. प्रदेश की डबल इंजन की सरकार राम मंदिर के काम को लेकर भी लोगों से आस लगाएगी.


साथ ही महाराष्ट्र के लिए गेम प्लान में राज्य के दमदार नेता और मंत्रियों के साथ चुनाव में उतरना और पिछली विधानसभा के बाद शिवसेना के बगावत का फायदा लेना बीजेपी का प्लान हो सकता है. दोनों राज्यों को मिला दें तो यहां से कुल 128 लोकसभा सीटें हैं जिसमें बीजेपी के पास फिलहाल 85 सीट, कांग्रेस की 1, शिवसेना संयुक्त की 18, एनसीपी 4, बसपा 10 और सपा के खाते में 5 सीटें हैं. 


बिहार की 40 और पश्चिम बंगाल की 42 सीटों पर जंग
इंडिया टुडे के अनुसार, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों में जहां गैर बीजेपी की सरकार है, वहां पार्टी को अपनी रणनीति के साथ-साथ कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है. बिहार की राजनीति में एक समय बीजेपी की सहयोगी रही जनता दल यूनाइटेड अब कांग्रेस आरजेडी के साथ गठबंधन में है. यह बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है. वहीं बंगाल में हुई पंचायत चुनाव में जनता के जनादेश और टीएमसी की विपक्षी एकता में शामिल होना भी बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल में बड़ी चुनौती है.


बीजेपी के गेम प्लान की बात करें तो पार्टी बिहार में एक तरह से सभी समुदायों के नेताओं को साथ मिलाकर एक अलग प्रयोग करने की सोच में है. बिहार में एनडीए की गठबंधन में सभी वर्गो के वोट बैंक पर निशाना साधने का प्लान है. वहीं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर चोट करने के लिए बीजेपी पंचायत चुनाव हिंसा के मुद्दों पर खुलकर बोलेगी. साथ ही राज्य में सीएए लागू करने को लेकर भी एक कोर वोट बैंक पर निशाना साध सकती है. इन दोनों राज्यों में कुल 82 लोकसभा सीट है. 


इन राज्यों पर होगी पैनी नजर
पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटों पर बीजेपी की नजर होगी. इस वक्त वहां वर्तमान में बीजेपी के पास मात्र 2 सीटें हैं. हालांकि हिमाचल प्रदेश में सभी चारों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा है लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता गंवानी पड़ी जिसके बाद वहां भी पार्टी के लिए चुनौती मानी जा रही है. 


हरियाणा की भी सभी 10 लोकसभा सीटें बीजेपी के पास हैं. तामिलनाडु की 39 लोकसभा सीटों में एक भी बीजेपी नहीं जीती है इसलिए ये राज्य पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. बीजेपी यहां अपनी पकड़ जमाने की पूरी कोशिश करेगी. ओडिशा और झारखंड में कुल 34 सीटें हैं जिसमें में से बीजेपी के पास 19 सीटें हैं. 


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