नई दिल्लीः मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए मंत्रिमंडल ने कल शपथ ग्रहण कर ली है. प्रधानमंत्री मोदी समेत कुल 25 कैबिनेट मंत्रियों ने कल शपथ ली. अमित शाह को गृह मंत्रालय तो राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय की कमान सौंपी गई है. बेहद अहम वित्त मंत्रालय इस बार निर्मला सीतारमण को मिला है जिनके पास पिछले कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय था.


निर्मला सीतारमण बनीं पहली महिला वित्त मंत्री
मोदी कैबिनेट में वित्त मंत्रालय का कार्यभार निर्मला सीतारमण को सौंपा गया है. अब वित्त मंत्री बनते ही वह पहली महिला वित्त मंत्री बन गई हैं. हालांकि इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए साल 1970-71 के दौरान वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय अपने पास रखे थे. लेकिन अब निर्मला सीतारमण के पास फुल टाइम वित्त मंत्रालय रहेगा. वित्त मंत्रालय के अलावा सीतारमण को कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय संभालने की भी जिम्मेदारी मोदी सरकार 2 में मिली है.



पहली महिला वित्त मंत्री बनते ही निर्मला सीतारमण के सामने कई चुनौतियां हैं और उनके सामने देश की अर्थव्यवस्था को तेज रफ्तार देने के साथ-साथ और भी कई अहम चैलेंज हैं. उनमें से कुछ चुनौतियों के बारे में यहां जानिए




  1. मोदी सरकार 2 का पहला बजट पेश करने की चुनौती-जुलाई के दूसरे हफ्ते में बजट पेश होगा और उनके सामने मध्यम वर्ग सैलरीड क्लास की चिंताओं को दूर करने की चुनौती रहेगी. वित्तीय घाटा और राजस्व घाटे को काबू में रखने का अहम भार निर्मला सीतारमण के कंधों पर होगा. देश की अर्थव्यवस्था के लिए कौनसी ऐसी कारगर पॉलिसी पर वो काम करेंगी जिनके जरिए इकोनॉमी को बूस्ट मिल सके और लोगों के आम जीवन में भी कुछ आसानी हो सके.

  2. विकास की ऊंची रफ्तार को बनाए रखने की चुनौती- 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था के धीमी रफ्तार से ग्रोथ हासिल करने की आशंका है. लगातार गिरती तिमाही दर तिमाही ग्रोथ रेट के बाद अब इसे ऊंचे स्तर पर बनाए रखना निर्मला सीतारमण की बड़ी चुनौतियों में से एक होगा.

  3. बैंकिंग सेक्टर को बूस्ट देने की चुनौती- बैंकिंग सेक्टर के कंसोलिडेशन यानी बैंकों के एकीकरण की प्रकिया के बीच बैंकों के बैड लोन की समस्या को सुलझाने की जिम्मेदारी भी वित्त मंत्री के ऊपर होगी.

  4. सरकारी क्षेत्रों के कामकाज में गति लाना-वित्त मंत्रालय के पास बहुत से मंत्रालयों से जुड़ी फंडिंग की जरूरतें आती हैं और इन्हें पूरा करने के लिए वित्त मंत्री को बड़े कदम उठाने होंगे.
    इसके अलावा खपत, निवेश, सरकारी खर्चों को पूरा करने के अलावा उन पर नियंत्रण करने जैसी बड़े भार भी संभालने का जिम्मा होगा. इसके अलावा एक्सपोर्टस के मोर्चे पर भी नजर बनाए रखनी होगी क्योंकि इस क्षेत्र में मिलेजुले आंकड़े सामने आते दिख रहे हैं जिन्हें नियंत्रण में रखना जरूरी है.

  5. जीएसटी स्लैब्स- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जीएसटी स्लैब में बदलाव से लेकर जीएसटी दरों पर कुछ अहम फैसले लेने पड़ सकते हैं. व्यापारी वर्ग को खुश रखने के लिए, उनकी जरूरतों को पूरा करने और उनके जीएसटी रिटर्न भरने जैसे कामकाज को आसान बनाने के लिए वित्त मंत्री को काफी समय देना पड़ सकता है.

  6. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाना- पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना नई वित्त मंत्री के सामने बड़ी चुनौती के रूप में सामने होगा.

  7. रोजगार सृजन- रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार ने विपक्ष के भारी विरोध का सामना किया और इस नए कार्यकाल में मोदी सरकार के सामने रोजगार के नए अवसर पैदा करना बहुत बड़ी चुनौती होगी. इस मामले में वित्त मंत्रालय के सामने भी भारी चुनौतियां होंगी और निर्मला सीतारमण को इनका सामना करना होगा.


मोदी सरकार 2 की कैबिनेट में कुल 6 महिला मंत्रियों ने जगह बनाई है और इनमें से निर्मला सीतारमण के पास सबसे अहम मंत्रालय आया है. अब देखना होगा कि निर्मला सीतारमण कैसे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के काम को आगे बढ़ाती हैं.