Nitish Kumar Delhi visit: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते रविवार 24 घंटे दिल्ली में रहने के बाद वापस पटना लौट आए हैं. उनकी यात्रा का आधिकारिक तौर पर ना तो कोई मकसद बताया गया और ना ही दिल्ली में उनकी गतिविधियों का पता चल पाया. इसको लेकर बस कयास ही लगाए जा सकते हैं. 


पहला कयास यह लगाया जा रहा है कि बिहार में समय से पहले विधानसभा चुनाव हों. लोकसभा चुनाव के बाद से ही नीतीश कुमार इसकी मांग कर रहे हैं. जिस तरह से प्रशांत किशोर की जनसुराज को लोगों का समर्थन मिल रहा है. उससे नीतीश कुमार बेचैन हो गए हैं और इस बात से पार्टी की चिंताएं बढ़ गई है. वह इसलिए क्योंकि प्रशांत किशोर के निशाने पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ही है. 


प्रशांत किशोर ने बढ़ाई नीतीश कुमार की चिंताएं


जाहिर सी बात है कि नीतीश कुमार प्रशांत किशोर के मंसूबों पर पानी फेरना चाहते हैं इसलिए वह चाहते हैं कि चुनाव में ज्यादा देर नहीं करना चाहिए. नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं से खुद भी बात कर सकते हैं या फिर संजय झा और लल्लन सिंह को भी यह जिम्मेदारी सौंप सकते हैं कि वह भाजपा नेतृत्व को इसके लिए तैयार करें. दूसरी संभावना इसलिए भी ज्यादा नजर आ रही है क्योंकि संजय झा और लल्लन सिंह से नीतीश कुमार ने दिल्ली में कई बैठकें की. 


झारखंड चुनाव भी हो सकता है मुद्दा


नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा यह भी बता रहा है कि आने वाले कुछ समय में झारखंड चुनाव हो सकते हैं और क्योंकि जेडीयू, एनडीए के साथ चुनाव लड़ रही है इसलिए सीट बंटवारे पर भी बातचीत हुई होगी. झारखंड के जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय निर्दलीय से जदयू में शामिल हुए हैं. शामिल होना दिक्कत नहीं है बल्कि बात तो ये है कि हाल ही में उन्होंने भाजपा के पूर्व सीएम और मौजूदा उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास को चुनाव में हराया था. रघुवर दास चाहते है कि उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट मिले हो सकता है कि इस बारे में भी नीतीश कुमार ने दिल्ली में चर्चा की हो. 


मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हुई होगी चर्चा


कयास तो यह भी लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार बिहार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा करने गए थे क्योंकि अभी बिहार में सिर्फ 30 ही मंत्री है जबकि 36 बनाए जा सकते हैं. वहीं एक ओर यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की दिल्ली यात्रा बिहार के लिए केंद्रीय मदद मांगने के लिए थी. क्योंकि बिहार बाढ़ से ग्रस्त हो गया है और केंद्र ने इसके पहले भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लिए बजट का प्रावधान किया है. हो सकता है की त्रासदी के मद्देनजर नीतीश कुमार अतिरिक्त मदद मांगने के लिए दिल्ली गए हो.


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