First Phase: 2014 में 91 सीटों पर ना केवल बीजेपी, बल्कि टीडीपी, टीआरएस और वाईएसआरसी से भी पीछे थी कांग्रेस
Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस 2014 में सिर्फ 44 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. कांग्रेस के लिए बीजेपी के अलावा क्षेत्रीय पार्टियों से आगे निकलना भी बड़ी चुनौती है.
Lok Sabha Election 2019: पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर 11 अप्रैल को वोटिंग होनी है. 5 साल बाद सत्ता वापसी की कोशिशों में लगी कांग्रेस के लिए पहला चरण बेहद ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इन 91 सीटों पर कांग्रेस ना केवल बीजेपी, बल्कि टीडीपी, टीआरएस और वाईआसएससी से भी पीछे थी. अगर अब कांग्रेस अपने सबसे खराब प्रदर्शन को नहीं दोहराना चाहती है तो उसे इन 91 सीटों पर 2014 जैसा खराब प्रदर्शन करने से बचना होगा.
बीजेपी थी सबसे आगे
पहले चरण में जिन 91 सीटों पर वोटिंग हो रही है, उनमें से बीजेपी 2014 में 32 सीटों पर जीत दर्ज करके सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं टीडीपी 16 सीटें जीतकर इन 91 सीटों पर दूसरे नंबर की पार्टी थी. हालांकि 2019 में 91 में से 25 सीटों पर चुनावी समीकरण बदल गया है. दरअसल 2014 में टीडीपी, बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी, पर अब वह अलग होकर चुनाव लड़ रही है.
कांग्रेस चौथे नंबर पर रही
2014 में जब चुनाव हुए थे, उस समय तेलंगाना का निर्माण नहीं हुआ था. पर यह पहले ही तय हो गया था 1 जून को जब नए राज्य का गठन होगा, तब कौन सी लोकसभा सीटें उसके हिस्से आएंगी. ऐसे में तेलंगाना के हिस्से जो 17 सीटें आई थीं, उनमें से 11 जीतकर केसीआर की पार्टी इन 91 सीटों पर तीसरे नंबर की पार्टी थी. वहीं आंध्र की 25 सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस 9 सीटें जीतने में कामयाब हुए थी.
कांग्रेस के हिस्से 91 सीटों में से सिर्फ 7 सीटें आई थी. इस तरह से कांग्रेस के सामने बीजेपी ही नहीं, बल्कि इन तीन क्षेत्रीय पार्टियों से आगे निकलने की भी है.
पहले चरण की 91 सीटों में से 2014 में बीजेडी ने 4, तो शिवसेना, टीएमएसी ने दो-दो सीटों पर जीत दर्ज की थी. सीपीएम, एलजेपी, एनसीपी, एनपीईपी, एनपीएफ, पीडीपी, एसडीएफ, एएमआईएम एक-एक सीट जीतने में कामयाब हुए थे.
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