One Nation, One Election: 'यह तो...', एक देश-एक चुनाव पर आया कांग्रेस का रिएक्शन, आचार्य प्रमोद ने दिया कड़ा जवाब!
One Nation, One Election: कांग्रेस के मुखिया मल्लिकार्जुन खरगे ने 18 सितंबर, 2024 को दावा किया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है.
Acharya Pramod on One Nation, One Election: एक देश, एक चुनाव को बुधवार (18 सितंबर, 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की कैबिनेट ने ग्रीन सिग्नल दे दिया. हालांकि, कांग्रेस समेत 15 राजनीतिक दलों ने इसका विरोध किया है. कांग्रेस की तरफ से वन नेशन, वन इलेक्शन पर रिएक्शन देते हुए कहा गया कि यह प्रैक्टिल नहीं है, जिस पर आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद ने समूचे विपक्ष को कड़ा जवाब दिया.
कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी के पूर्व सलाहकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तगड़े समर्थक माने जाने वाले आचार्य प्रमोद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "वन नेशन, वन इलेक्शन- विपक्ष में टेंशन." यह रहा उनका एक्स पोस्टः
वन “नेशन”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) September 18, 2024
वन इलेक्शन-विपक्ष में टेंशन.
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कुछ कहा?
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर का बयान तब आया, जब कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से टिप्पणी की गई. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव प्रैक्टिकल नहीं है. यह जनता का ध्यान भटकाने के लिए है. यह सफल नहीं होगा और न ही लोग इसे स्वीकारेंगे.
एक देश, एक चुनाव के विरोध में ये दल भी हैं
- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी)
- रेव्योल्यूश्नरी सोशलिस्ट पार्टी
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन
अमित शाह ने एक दिन पहले किया था बड़ा दावा
दरअसल, मोदी मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को एक देश, एक चुनाव का मुद्दा रखा गया और इससे जुड़ी उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट भी पेश की गई. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी. मंत्रिमंडल के समक्ष रिपोर्ट पेश करना विधि मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा है. उच्च स्तरीय समिति ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसके बाद 100 दिन के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गई. वैसे, गृह मंत्री अमित शाह ने एक दिन 17 सितंबर, 2024 को बताया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार मौजूदा कार्यकाल में ही इसे लागू करेगी.
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