नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में सात किलोमीटर लंबा रोड भव्य रोड शो किया. करीब दो घंटे बीस मिनट का यह रोड शो बीएचयू के लंका गेट से शुरू होकर अलग अलग इलाकों से होता हुआ दशाश्वमेध घाट पर पहुंचा. प्रधानमंत्री ने यहां गंगा आरती में हिस्सा लिया. रोड शो और गंगा आरती के बाद पीएम ने वाराणसी में करीब 5000 बुद्धिजीवियों के बीच कहा कि मैं आपसे कल के नामांकन के लिए अनुमति लेने आया हूं.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आपको पांच साल का हिसाब भी देने आया हूं. पीएम ने इशारों में कांग्रेस पर इशारा साधते हुए कहा कि मेरा कर्तव्य बनता है कि आपसे दूसरे पांच साल मांगूं उससे पहले पांच साल का हिसाब दूं. लोग 70 साल का नहीं दे रहे हों, ये उनकी मर्जी. पीएम ने कहा कि इंडिया फर्स्ट ही मेरा मंत्र है, देश हित के अलावा किसी और का हित नहीं सोचूंगा.


प्रधानमंत्री ने जनता से पूछा- आपकी अनुमति हो तो मैं कल नामांकन भरूंगा. लोगों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए. पीएम ने कहा- इसका मतलब हुआ आपने चुनाव संभाल लिया है, आप सब नरेंद्र मोदी हैं. पीएम ने कहा कि जब नीयत साफ होती है तो नियम का भी साथ होता है. नीयत नेक होती है तो नीति भी एक होती है. न भेदभाव होता है, न दोहरा रवैया होता है. न कोई अपना न पराया होता है. बस सबका साथ-सबका विकास होता है. उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये चौकीदार अपनी निष्ठा और ईमानदारी से कभी नहीं डिगेगा. मैं काशी की मर्यादा नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा. बाबा विश्वनाथ की इस नगरी में यहां का हर व्यक्ति मेरे लिए पूजनीय है.


प्रधानमंत्री ने कहा, "काशी ने मुझे सिर्फ एमपी नहीं पीएम बनने का आशीर्वाद दिया. मुझे आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने का साहस दिया. हमने उन्हें बता दिया कि नया भारत सहता और कहता नहीं है, वो आतंक को मुंहतोड़ जवाब देता है. पुलवामा में हमारे 40 जवानों को शहीद किया गया, इस हमले के बाद उसी क्षेत्र में अब तक (हो सकता है मेरे बोलते समय आंकड़ा बढ़ भी जाए) 42 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया जा चुका है. ये हमारा काम करने का तरीका है.''


उन्होंने कहा, ''समर्थ, सम्पन्न और सुखी भारत के लिए विकास के साथ-साथ सुरक्षा अहम है. साथियो, मेरा ये मत रहा है कि परिवर्तन तभी सार्थक और स्थायी होता है, जब जन-मन बदलता है. इस जन-मन को साधने के लिए तपस्या करनी पड़ती है. मैं मानता हूं कि इस समय भारत भी तपस्या के दौर में है. वो खुद को साध रहा है और इस साधना में हम सब एक सेवक हैं, साधक हैं.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''5 वर्ष पहले जब काशी की धरती पर मैंने कदम रखा, तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है. मैया ने ऐसा दुलार दिया, काशी के बहन-भाइयों ने इतना प्यार दिया कि बनारस के फक्कड़पन में ये फकीर भी रम गया. ये मेरा सौभाग्य है कि काशी कि वेद परंपरा को ज्ञान के विश्लेषण व तार्किक अनुभवों से जुड़ सका. काशी ने मुझे सिर्फ एमपी नहीं पीएम बनने का आशीर्वाद दिया. मुझे 130 करोड़ भारतीयों के विश्वास की ताकत दी. जो सपना मन में है वो पूरा हो गया ऐसा मैं कभी दावा नहीं करता हूं लेकिन उस सपने को पूरा करने की दिशा में हमारा रास्ता और रफ़्तार सही है ये मैं ज़रूर कह सकता हूं.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''17 मई 2014 को गंगा तट पर कुछ संकल्प मैं ले रहा था तो मन में ये सवाल जरूर था कि काशी की उम्मीद पर खरा उतर पाउंगा क्या? लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि हम सभी के सामूहिक प्रयास और बाबा के आशीर्वाद से काशी के बदलाव को काशीवासियों समेत पूरा देश अनुभव कर रहा है. एयरपोर्ट से शहर तक की जिस सड़क की मैंने चर्चा की थी, आज वही सड़क आज बनारस की नई पहचान बन गई है. यहां रेलवे स्टेशनों और सड़कों को सुधारा गया है. लटके तार गायब हो रहे हैं और गंगा घाट में भी अलग ही रौनक है.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम देश के हर हिस्से, हर वर्ग को मजबूत करने के संकल्प के साथ लगे हैं. बीते पांच वर्ष पुरुषार्थ के थे, आने वाले पांच वर्ष परिणाम के होंगे. बीते पांच वर्ष ईमानदारी के प्रयास के थे. आने वाले पांच वर्ष उन प्रयासों को विस्तार देने के होंगे. बीते पांच वर्ष परिवर्तन की शुरुआत के थे. आने वाले पांच वर्ष देश की प्रतिष्ठा के होंगे. हम परिवर्तन के साथ हर वो काम कर रहे हैं जो देश को सशक्त करे. ऐसे काम भी, जो मेरे विरोधियों को छोटे लगते थे, उन कामों को करने का बीड़ा मैंने उठाया.''