जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल होते तो किसान बहुत सुखी होते क्योंकि पटेल एक किसान के बेटे थे और उनकी समस्याओं को समझते थे. जाट बहुल नागौर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "अगर हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री एक किसान का बेटा होता जिसने महात्मा गांधी के साथ रहकर हक की लड़ाई लड़ी. अगर वह पहले प्रधानमंत्री होते तो देश का किसान बहुत सुखी होता."


किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "जो मूंग और मसूर में फर्क नहीं समझते हैं वे आज देश को किसानी समझाने के लिये घूम रहे हैं. जो धरती से कटे हुए हैं, जिनका जन-जन से चार-चार पीढ़ी तक नाता नहीं रहा है वे लोग कभी आपके दुखों को समझ नहीं सकते हैं और आपके दुखों को कभी दूर नहीं कर सकते." उन्होंने कहा कि कांग्रेस वाले किसानों के नाम का रोना रो रहे हैं. स्वामीनाथन आयोग ने नामदार की सरकार को दस साल पहले रिपोर्ट दी और उस समय कहा था अगर किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना एमएसपी मिलेगा तो किसानों की जिंदगी मुसीबतों से मुक्त होगी.


मोदी के कहा, "आज ये जो किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं उन्हें उस समय यह (स्वामीनाथन आयोग की) रिपोर्ट देखने की फुर्सत नहीं मिली." उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य देना शुरू कर दिया. अगर यह दस साल पहले दिया होता तो किसानों के सामने कर्ज बोझ का संकट नहीं होता. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों ने यदि आपके खेतों में पानी पहुंचाने का काम किया होता तो आप आज मुसीबत में नहीं होते. अगर राजस्थान के लोगों को पानी मिल जाये तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखते हैं.


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गौरतलब है कि खेतीबाड़ी पर संकट व किसानों का कर्ज राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में घोषण की थी कि राज्य में उनकी सरकार बनती है तो दस दिन में किसानों का कर्ज माफ कर देगी. इसके साथ ही मोदी ने कहा कि वह कोई सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुए और यह (चुनाव) तो एक 'कामदार' की एक 'नामदार' के खिलाफ लड़ाई है.


पीएम ने कहा कि बीजेपी की सरकार चाहे केन्द्र में हो या राजस्थान में हम लोगों का एक ही मंत्र रहता है, 'सबका साथ सबका विकास'. यह मंत्र ज्योतिबा फूले और बी आर अंबेडकर की प्रेरणा से मिला है. यह मंत्र हिन्दुस्तान की महक को लेकर आया हुआ है. मोदी ने कहा कि शौर्य और श्रम की धरती पर आज एक 'कामगार', एक 'नामदार' के खिलाफ लड़ाई के लिये मैदान में है.


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मोदी ने आगे बोलते हुए कहा, "मैं आपसे अलग नहीं जो जिंदगी आप गुजारते है वहीं जिंदगी मैंने गुजारी है. जिस जिदंगी को आप जी रहे हैं, वहीं जिंदगी मैं जी रहा हूं. ना आप सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए हैं ना मैं सोने की चम्मच लेकर पैदा हुआ हूं." उन्होंने कहा, "ना आपके माता-पिता, दादा-दादी कभी राज करते थे, ना मेरे दादा-दादी राज करते थे, पहली बार एक कामदार आपसे आशीर्वाद मांगने आया है."


प्रधानमंत्री ने कहा, "हम आपसे चुनाव में वोट हमारे काम के आधार पर और विकास के मंत्र के लिये मांग रहे हैं. हम आपसे वोट हमारे पोते पोतियों की भलाई के लिये नहीं मांग रहे हैं. हम आपसे वोट इस धरती का भला करने के लिये, यहां जन-जन का भला करने और आपके सपनों को साकार करने के लिये मांग रहे हैं." वोट की ताकत और अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में छह करोड़ परिवारों में गैस कनैक्शन निशुल्क दे दिया और राजस्थान में भी 50 लाख गैस कनेक्शन दिए गए. उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं में 90,000 करोड़ रुपये बचाए जाने का जिक्र भ्री किया.


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